कलाबाजी से नहीं बनते पक्के रिश्ते

शैलेश कुमार प्रभात खबर, पटना ‘एक बात बोलूं, आप बुरा तो नहीं मानेंगी?’ मेरी एक दोस्त के मोबाइल में उस व्यक्ति ने यह मैसेज भेजा, जिससे काम की वजह से मेरी दोस्त को मजबूरन बात करनी ही पड़ती थी. उसने जवाब दिया, ‘नहीं, पूछिए न.’ उधर से मैसेज आया, ‘आपका प्रोफाइल पिक बड़ा सुंदर है.’ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2015 5:46 AM

शैलेश कुमार

प्रभात खबर, पटना

‘एक बात बोलूं, आप बुरा तो नहीं मानेंगी?’ मेरी एक दोस्त के मोबाइल में उस व्यक्ति ने यह मैसेज भेजा, जिससे काम की वजह से मेरी दोस्त को मजबूरन बात करनी ही पड़ती थी. उसने जवाब दिया, ‘नहीं, पूछिए न.’ उधर से मैसेज आया, ‘आपका प्रोफाइल पिक बड़ा सुंदर है.’

मेरी दोस्त ने जवाब दिया, ‘थैंक्यू! इसमें बुरा माननेवाली कौन-सी बात थी?’ कुछ इस तरह से बातें चलती रही. फिर एक दिन दिल बना हुआ एक फारवर्ड मैसेज भेजा, जिसमें लिखा था कि जवाब देना जरूरी है. इस प्रकार के मैसेज को देख मुङो कॉलेज के दिन याद आ गये, जब मेरे दोस्त लड़कियों से बात करने, उनके करीब जाने के लिए इस तरह के मैसेज करते थे और फिर लड़कियों का जवाब आने पर दोस्तों के बीच उसे लेकर खूब मस्ती करते थे. युवाओं की क्रिएटिविटी को देख कर मैं दंग रह जाता था. जो स्टूडेंट मनोविज्ञान के पेपर में फेल हो जाते थे, इमोशनल ड्रामा करने और सामनेवाले को बेवकूफ बनाने में वे बड़े पारंगत दिखते थे. पहले तो लड़कियों को लगातार गुड मॉर्निग, गुड नाइट और फारवर्ड मैसेज भेजना.

एक जवाब आने पर उस पर दस जवाब देना. उसके मैसेज का जवाब नहीं देने पर पूछना कि बिजी हो क्या? फिर अंत में इमोशनल कार्ड फेंकना कि मैं कौन होता हूं, जिससे तुम बात करोगे? कुछ लोग तो इस हद तक चले जाते हैं कि गुलाब और दिल बने हुए गुड मॉर्निग और गुड नाइट मैसेज वाले डिजिटल कार्ड तक भेजने लगते हैं. भले ही कुछ लड़कियां उनकी बातों में आ जायें, लेकिन अधिकतर लड़कियां इतनी परिपक्व तो होती ही हैं कि वे सभी बातों को समझ जाती हैं. और वे जितना भी जवाब देती हैं, केवल इसलिए कि वह लड़का उसका क्लासमेट हो, उसके ऑफिस में काम करता हो या फिर काम की वजह से जुड़ा हुआ हो.

मैं नहीं जानता हूं कि लड़कों की इस तरह की हरकत कहां तक सही है, लेकिन कहीं-न-कहीं मैं यह जरूर महसूस करता हूं कि किसी से संबंध बनाना, किसी का ध्यान अपनी ओर खींचना या फिर किसी का प्यार पाना, इन सब चीजों से बहुत परे है. आप किसी को इमोशनल फूल बना कर, उससे जबरदस्ती बातें करके या फिर उसे इस तरह के मैसेज करके कि तुम मुङो नहीं समझोगे, तो और कौन समङोगा, आप कभी भी उसके भरोसे को नहीं पा सकते, क्योंकि आप बस आकर्षण की वजह से ऐसा कर रहे हैं और आपका दिल साफ नहीं है.

यदि आप में सच में हिम्मत है, तो आप सीधे अपने दिल की बात उसके सामने रख देंगे. दोस्ती व प्यार तभी आपको मिलते हैं, जब आप बिल्कुल दिखावा नहीं करते और अपनी जिंदगी का आनंद उसी रूप में लेते हैं, जिस रूप में वह आपको मिली हुई है. आप अंदर से जितने स्वच्छ है, आपके रिश्ते उतने ही ज्यादा बनेंगे और उतने ही गहरे होंगे. समय तो बदल रहा है, पर युवाओं का अंतर्मन आखिर कब बदलेगा?

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