भाषण की जगह कुछ राशन मिल जाये तो..

इन दिनों नेताओं के एक से बढ़ कर एक बयान सुनने को मिल रहे हैं. आजकल उनकी जबान भी कुछ ज्यादा फिसल रही है. हाल हीं में केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर सलीके से खाया जाये तो एक रुपये में भी भरपेट भोजन हो सकता है. हम यह नहीं समझ पा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 29, 2013 4:26 AM

इन दिनों नेताओं के एक से बढ़ कर एक बयान सुनने को मिल रहे हैं. आजकल उनकी जबान भी कुछ ज्यादा फिसल रही है. हाल हीं में केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला ने कहा है कि अगर सलीके से खाया जाये तो एक रुपये में भी भरपेट भोजन हो सकता है. हम यह नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर उन्हें कैसा सलीका आता है जो इतनी महंगाई मे भी एक रुपये में भरपेट भोजन के बारे में कह रहे हैं.

रेस्तरां में हजारों रु पये की थाली चट कर जानेवाले ऐसे नेता दूसरों को सलीका सिखाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर नहीं देखते. अगर यही सलीका वे खुद सीख जायें, तो देश में भ्रष्टाचार के मामले इतने नहीं बढ़ते और देश के गरीबों की स्थिति भी सुधर जाये. कभी दर्शकों के दिलों पर राज करनेवाले, फिल्म कलाकार से सांसद बने राज बब्बर कहते हैं कि मुंबई में 12 रु पये में भर पेट भोजन मिलता है.

अगर उनकी बात मान ली जाये, तो भी 12 रु की दर से परिवार के सभी सदस्यों के लिए दो वक्त का भोजन जुटाना बहुत महंगा है. अगर ये नेता भाषण की जगह कुछ राशन गरीबों को दिला दें, तो बड़ा उपकार होगा.
।। आसिफ
मुस्तफा ।।

(कोलकाता)

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