गरीबों की जमीन छिनने से बचायें
आजकल समूचे झारखंड में जमीन के दलाल सरकारी जमीन, भूदान में मिली जमीन, गैर मजरुआ, खास महाल और आदिवासी रैयती जमीन को धड़ल्ले से बेच रहे हैं. ऐसी परिस्थति में स्थानीय रैयत, आदिवासी सदान आदि अपनी जमीन खो रहे हैं. दलाल जमीन के मालिकों को डरा-धमका कर उनकी जमीन छीन रहे हैं. प्रशासन भी मूकदर्शक […]
आजकल समूचे झारखंड में जमीन के दलाल सरकारी जमीन, भूदान में मिली जमीन, गैर मजरुआ, खास महाल और आदिवासी रैयती जमीन को धड़ल्ले से बेच रहे हैं. ऐसी परिस्थति में स्थानीय रैयत, आदिवासी सदान आदि अपनी जमीन खो रहे हैं. दलाल जमीन के मालिकों को डरा-धमका कर उनकी जमीन छीन रहे हैं.
प्रशासन भी मूकदर्शक बना है. भूदान आंदोलन की जमीन भूमिहीनों और आदिवासियों में बांटने के लिए दी गयी थी. सूबे के मुख्यमंत्री और प्रतिपक्ष के नेताओं से निवेदन है कि इस मामले में हस्तक्षेप कर भूमिहीनों और गरीबों की जमीन पर जबरन कब्जे और उसकी बिक्री के धंधों पर लगाम लगायें. यदि दलालों की धोखाधड़ी को जल्द रोका नहीं गया, तो भविष्य में गरीबों और भूमिहीनों के सिर से आश्रय और जीवन के लालन-पालन का साधन छिनने से कोई नहीं रोक सकता.
रामदेव मुंडा, रांची