झाड़ू संग सेल्फी से नहीं होगी सफाई

मानव जीवन के लिए स्वच्छता जरूरी है. अपने घर के इर्द-गिर्द साफ-सफाई करना तो और भी जरूरी है, लेकिन स्वच्छता के नाम पर सेल्फी खींचने के लिए झाड़ उठाना कितना जायज है, यह विचारणीय है. सवाल यह है कि चंद सेल्फी से हमारे देश की सफाई हो जायेगी क्या? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 23, 2015 5:21 AM
मानव जीवन के लिए स्वच्छता जरूरी है. अपने घर के इर्द-गिर्द साफ-सफाई करना तो और भी जरूरी है, लेकिन स्वच्छता के नाम पर सेल्फी खींचने के लिए झाड़ उठाना कितना जायज है, यह विचारणीय है.
सवाल यह है कि चंद सेल्फी से हमारे देश की सफाई हो जायेगी क्या? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज लोगों की मानसिकता अपने घर को साफ रख कर आसपास में गंदगी बिखेरनेवाली है. आज की सामाजिक व्यवस्था में सफाई कार्य करना कितना दुष्कर है, इसे समझ पाना आसान नहीं है.
जहां तक सफाई को लेकर जागरूकता फैलाने की बात है, तो सरकारी अभियान जोरों पर है. सही है. इससे लोग जागरूक भले ही न हों, लेकिन इसके नाम पर करोड़ों रुपये के वारे-न्यारे जरूर हो सकते हैं. कई महीने से चले रहे अभियान के बाद किसी को कहीं सफाई नजर नहीं आ रही है.
आखिर क्यों? वह इसलिए क्योंकि अभी तक हमारी मानसिकता में बदलाव नहीं आया है. जब तक हम अपनी मानसिकता को नहीं बदलेंगे, तब सरकार का यह अभियान भी सफल नहीं हो सकता. आज लोग फोर लेन सड़कों पर गाड़ी सरपट दौड़ाते हैं और गाड़ी से गंदगी को सड़क पर डाल तेज रफ्तार से आगे बढ़ जाते हैं. क्या कभी किसी ने यह सोचा कि कचरा कूड़ेदान में ही डाला जाये? सबसे बड़ी बात यह है कि मानसिकता और सोच में बदलाव एकाएक नहीं आयेगा.
इसके लिए बचपन से ही संस्कारों में बदलाव लाने की दरकरार है या फिर समझदार वयस्कों पर दंडात्मक कार्रवाई की जरूरत है. इसके लिए सिर्फ सरकारी अभियान से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक बदलाव भी लाने की जरूरत है, तभी सफाई अभियान सफल हो सकता है.
विनीत जैन लकी, रामगढ़

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