हम सब अनुशासन का संकल्प लें
अनुशासन देश की आत्मा है. यह एक ऐसा धर्म है, जो देशभक्ति, शौर्य, बलिदान, कर्तव्य, एकता, गौरव, दया, प्रेम, दृढ़ता आदि अनेक सदगुणों को समाहित करता है. अत: एक अभियान के तहत इसमें सभी क्षेत्रों, तंत्रों और समाज के प्रत्येक अंग से संबंधित लोगों को लाया जाना चाहिए और लोगों में अनुशासन विकससित करने का […]
अनुशासन देश की आत्मा है. यह एक ऐसा धर्म है, जो देशभक्ति, शौर्य, बलिदान, कर्तव्य, एकता, गौरव, दया, प्रेम, दृढ़ता आदि अनेक सदगुणों को समाहित करता है. अत: एक अभियान के तहत इसमें सभी क्षेत्रों, तंत्रों और समाज के प्रत्येक अंग से संबंधित लोगों को लाया जाना चाहिए और लोगों में अनुशासन विकससित करने का प्रयास किया जाना चाहिए.
लोगों में अनुशासन आने से देश एवं समाज को अधिक सक्षम, शिक्षित, स्वस्थ, श्रेष्ठ और ऊर्जावान आदर्श नागरिक मिलेंगे. देश तथा शासन-प्रशासन सुरक्षित, संतुलित एवं सुव्यवस्थित रहेगा. समाज की वर्तमान विकृतियां दूर होंगी और सर्वोत्तम राष्ट्र बनने की हमारी परिकल्पना मूर्त रूप ले सकेगी. अत: राज्य समेत पूरे के निवासियों से अनुरोध है कि वे इस बार के गणतंत्र दिवस के मौके पर अनुशासन का संकल्प लें.
अविनाश चंद्र श्रीवास्तव, हजारीबाग