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भ्रष्टाचार के खिलाफ आत्म-नियमन जरूरी

हाल ही में, चीन के पूर्व रेल मंत्री को भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग करने के मामले में मौत की सजा सुनायी गयी है. निश्चित रूप से इससे चीनी मंत्री–अधिकारी सबक लेंगे. वैसे हमारे देश भारत में भी संतरी से मंत्री तक पर पद के दुरुपयोग के हजारों मामले होंगे, लेकिन अफसोस इस बात का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2013 4:22 AM

हाल ही में, चीन के पूर्व रेल मंत्री को भ्रष्टाचार और पद का दुरुपयोग करने के मामले में मौत की सजा सुनायी गयी है. निश्चित रूप से इससे चीनी मंत्रीअधिकारी सबक लेंगे. वैसे हमारे देश भारत में भी संतरी से मंत्री तक पर पद के दुरुपयोग के हजारों मामले होंगे, लेकिन अफसोस इस बात का है कि यहां ऐसी कड़ी सजा का कोई प्रावधान नहीं है. वास्तव में भ्रष्टाचार रूपी घुन से समाज को बचाये रखने के लिए आत्मनियंत्रण एवं स्वानुशासन की आवश्यकता है.

यदि प्रत्येक नागरिक सिर्फ स्वयं को सुधारने का प्रयास करे, तो दोषारोपण का कोई औचित्य ही नहीं रह जाता. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ बातें तो बहुत करते हैं, लेकिन जब खुद की बारी आती है तो जानेअनजाने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे ही देते हैं. यह हर स्तर पर होता है, सड़क से लेकर स्कूल और सिनेमा हॉल तक. अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में हम अपनी इच्छित चीज पाने के लिए खुद रिश्वत की पेशकश करते हैं, चाहे वह सिनेमा हॉल की कॉर्नर सीट ही क्यों हो! अगर हम किसी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं होने का प्रण कर लें, तो देश की छवि सुधरेगी.
।। शिव
कु प्रजापति ।।

(लोहरदगा)

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