14.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कब सुनी जायेगी शिक्षकों की गुहार

समाज के सम्माननीय तबकों में शुमार पारा शिक्षक आज बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं. वे स्कूलों में सुबह से लेकर शाम तक मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें उचित पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा है. राज्य में गठित नयी सरकार से लोगों की उम्मीद बंधी थी, लेकिन इसके रवैये से अब वह आस भी क्षीण […]

समाज के सम्माननीय तबकों में शुमार पारा शिक्षक आज बदहाल जिंदगी जीने को मजबूर हैं. वे स्कूलों में सुबह से लेकर शाम तक मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें उचित पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा है. राज्य में गठित नयी सरकार से लोगों की उम्मीद बंधी थी, लेकिन इसके रवैये से अब वह आस भी क्षीण होती दिखाई दे रही है.
इन पारा शिक्षकों की स्थिति दिनोंदिन भयावह होती जा रही है. उन्हें काम करने के बाद भी महीनों तक वेतन नहीं दिया जाता है. इस कारण ज्यादातर शिक्षक तंगहाली के शिकार हैं. कई शिक्षकों की तो स्थिति यह है कि पैसे के अभाव में वे भोजन तक के लिए अनाज और इलाज के लिए दवाइयां भी नहीं जुटा पा रहे हैं. हालांकि, तंगहाल शिक्षकों के प्रतिनिधि मांगों को लेकर कई बार आंदोलन भी कर चुके हैं. बावजूद इसके सरकारी स्तर पर उनकी गुहार नहीं सुनी जा रही है. आखिर क्यों?
विवेकानंद विमल, मधुपुर

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें