रेलवे का सर्वागीण विकास हो
मैं प्रभात खबर के माध्यम से प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री समेत यहां के विधायकों और सांसों का ध्यान गिरिडीह में रेलवे की तरफ दिलाना चाहता हूं. देश की आजादी के बाद से गिरिडीह में रेलवे का कोई विकास नहीं हुआ है. ब्रिटिश काल में ही कोयले की ढुलाई के उद्देश्य से गिरिडीह […]
मैं प्रभात खबर के माध्यम से प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और झारखंड के मुख्यमंत्री समेत यहां के विधायकों और सांसों का ध्यान गिरिडीह में रेलवे की तरफ दिलाना चाहता हूं. देश की आजादी के बाद से गिरिडीह में रेलवे का कोई विकास नहीं हुआ है.
ब्रिटिश काल में ही कोयले की ढुलाई के उद्देश्य से गिरिडीह से मधुपुर तक रेल लाइन बिछायी गयी है, जिस पर सवारी गाड़ी भी चलायी जाती है. मधुबन जैन समुदाय का विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, फिर भी यह रेलवे की पहुंच से दूर है.
औद्योगिक इलाको होने के बावजूद गिरिडीह में रेलवे यार्ड नहीं है. मुश्किलों का सामना करना यहां के लोगों की नीयति बन गयी है. यही कारण है कि लौह एवं अन्य उद्योग बंदी के कगार पर पहुंच चुके हैं. यात्राियों के लिए राज्य व देश की राजधानी दिल्ली के लिए कोई सीधी रेल सेवा नहीं है.
रवींद्र प्रसाद वर्मा, डांडीडीह, गिरिडीह