हर तरह की पॉलिथीन के लेन-देन पर हो पाबंदी
पॉलिथीन विरोध अभियान अभी–अभी शुरू हुआ है. इससे पहले भी कई अभियानों को हरी झंडी दिखायी गयी है. शुरुआती दौर में अभियानों की रफ्तार तेज भी होती है, लेकिन धीरे–धीरे हम अभियान के हर पहलू से अभ्यस्त हो जाते हैं और नतीजतन अभियान या तो असफल हो जाता है या किसी घोटाले में फंस कर […]
पॉलिथीन विरोध अभियान अभी–अभी शुरू हुआ है. इससे पहले भी कई अभियानों को हरी झंडी दिखायी गयी है. शुरुआती दौर में अभियानों की रफ्तार तेज भी होती है, लेकिन धीरे–धीरे हम अभियान के हर पहलू से अभ्यस्त हो जाते हैं और नतीजतन अभियान या तो असफल हो जाता है या किसी घोटाले में फंस कर रह जाता है.
एक पोलियो मुक्ति अभियान कुछ हद तक सफल है वरना सभी अभियानों का हाल एक जैसा ही है. कबूतर और बैलून उड़ा कर हमने अभियान की शुरुआत कर तो दी है, मगर इसके बारे में लोग कितना जानते हैं? पॉलिथीन का इस्तेमाल क्यों नहीं करें? इसकी कोई तो वजह होगी. माना हम नहीं जानते, किसी ने बतलाता भी तो नहीं है.
ये पॉलिथीन आया ही क्यों था और अगर आ गया है, तो इसके उन्मूलन में भेदभाव क्यों है? 50 माइक्रोन के सिद्घांत को बहुत लोग नहीं जानते हैं? क्यों बड़े दुकानदार पॉलिथीन बैग देंगे और सब्जी वाले नहीं देंगे? 50 रुपये जुर्माने का कोई तर्क तो समझ में आये. जहां भी अपवाद छोड़ा जायेगा, अभियान के असफल होने की पूरी उम्मीद बनी रहेगी.
।। एमके मिश्र ।।
(रांची)