बच्चियों का यौन शोषण बंद हो
यह सच है कि बच्चियों को अपने शोषण का मौका किसी को नहीं देना चाहिए, लेकिन मामला तब और गंभीर हो जाता है, जब कुंठित और कुत्सित सोच के लोग दो या चार साल की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं. इस उम्र में बच्चियों को तो उनके रिश्तों की भी समझ नहीं […]
यह सच है कि बच्चियों को अपने शोषण का मौका किसी को नहीं देना चाहिए, लेकिन मामला तब और गंभीर हो जाता है, जब कुंठित और कुत्सित सोच के लोग दो या चार साल की बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाते हैं. इस उम्र में बच्चियों को तो उनके रिश्तों की भी समझ नहीं होती.
ऐसे में भला वे गलत और सही का फर्क कैसे कर सकती हैं? वे कैसे समझ सकती हैं कि फलां आदमी उनका हित करनेवाला और फलां आदमी उसे अपनी हवस का शिकार बनायेगा?
दुख तो तब होता है, तब छोटी बच्चियों को कुछ खिलाने का लालच देकर उनके साथ बुरा काम किया जाता है. यह समाज किस दिशा में जा रहा है? क्या यह हमें नहीं समझना चाहिए कि बच्चे तो आखिर बच्चे ही हैं. क्या ऐसी हरकत से बच्चियों को नारकीय जीवन की ओर धकेल नहीं रहे? यह हर हाल में बंद होना ही चाहिए.
केतकी शर्मा, जमशेदपुर