आप जीती या फिर भाजपा की हुई हार

पिछले दिनों देश की राजधानी दिल्ली में घोषित चुनाव के नतीजों ने पूरे देश को एक संदेश दिया है. खास कर राजनीति के क्षेत्र में राजनेताओं को तो सबक मिला ही है. देश में ढाई साल पहले पैदा हुई राजनीतिक पार्टी आप ने दूसरी सबसे पुरानी पार्टी भाजपा को पटखनी दे दी. सोचनेवाली बात है […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 13, 2015 5:42 AM
पिछले दिनों देश की राजधानी दिल्ली में घोषित चुनाव के नतीजों ने पूरे देश को एक संदेश दिया है. खास कर राजनीति के क्षेत्र में राजनेताओं को तो सबक मिला ही है. देश में ढाई साल पहले पैदा हुई राजनीतिक पार्टी आप ने दूसरी सबसे पुरानी पार्टी भाजपा को पटखनी दे दी.
सोचनेवाली बात है कि पिछले साल के लोकसभा चुनाव से लेकर अभी हाल ही में संपन्न हुए झारखंड के विधानसभा चुनावों तक जिस पार्टी का एकछत्र राज्य स्थापित होता जा रहा था, अचानक दिल्ली पहुंच कर विजयरथ का पहिया पंक्चर हो गया. इसके पीछे कारण क्या हैं. क्या आप को उसके कामों या वादों पर बहुमत मिला?
क्या भाजपा और उसके नेताओं की करतूतों ने उसे हार का स्वाद चखने पर मजबूर नहीं किया? लगातार मिल रही जीत ने भाजपा में जो अहं पैदा किया, उससे उसे हार मिली और आप को जीत.
उत्सव रंजन, हजारीबाग

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