जनता कर रही नेताओं का मूल्यांकन

‘समरथ को नहीं कछु दोष गुसाईं’. बाबा तुलसीदास की यह पंक्ति देश के दो राजनेताओं पर बखूबी सटीक बैठती है. एक आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और दूसरे देश के प्रधानमंत्री. अरविंद समर्थ हैं, इसलिए उनकी दिल्ली में जय-जयकार हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी भी समर्थ हैं, इसलिए उन्हें देश की जनता ने गुजरात […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 14, 2015 5:45 AM
‘समरथ को नहीं कछु दोष गुसाईं’. बाबा तुलसीदास की यह पंक्ति देश के दो राजनेताओं पर बखूबी सटीक बैठती है. एक आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल और दूसरे देश के प्रधानमंत्री. अरविंद समर्थ हैं, इसलिए उनकी दिल्ली में जय-जयकार हो रही है और प्रधानमंत्री मोदी भी समर्थ हैं, इसलिए उन्हें देश की जनता ने गुजरात से उठा कर प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बिठाया.
मोदी को देश की जनता ने प्रधानमंत्री बनाया, लेकिन वे जनता की भावनाओं के विपरीत उद्योगपतियों के ज्यादा नजदीक होते गये. आम जनता से उनका नाता लगभग टूट ही गया है. उद्योगपतियों की तरह महंगे सूट पहन कर वे देश के गाढ़ी कमाई करनेवाले लोगों का मजाक उड़ाने लगे हैं. वहीं, केजरीवाल भी कम अराजक नहीं हैं. वे भी जनता को ठगने का ही काम कर रहे हैं, मगर जनता दोनों का मूल्यांकन कर रही है.
गीता दुबे, जमशेदपुर

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