ऐसा होगा फेसबुक, सोचा न था!
* खास पत्र ।। सुधीर कुमार ।। (हंसडीहा, दुमका) फेसबुक रूपी चमत्कारी ईजाद के बाद इसे पसंद करनेवालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही. एक सर्वे के मुताबिक अभी विश्व में करीब 752 मिलियन यूजर्स हैं. भारत फेसबुक का एक बड़ा बाजार बन कर उभरा है. सर्वाधिक फेसबुक यूजर्स के मामले में हमारा देश […]
* खास पत्र
।। सुधीर कुमार ।।
(हंसडीहा, दुमका)
फेसबुक रूपी चमत्कारी ईजाद के बाद इसे पसंद करनेवालों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही. एक सर्वे के मुताबिक अभी विश्व में करीब 752 मिलियन यूजर्स हैं. भारत फेसबुक का एक बड़ा बाजार बन कर उभरा है. सर्वाधिक फेसबुक यूजर्स के मामले में हमारा देश दूसरे स्थान पर काबिज है.
इस अंधी दौड़ में ऐसे लाखों–करोड़ों युवा हैं, जिन्हें इसकी लत लग गयी है और फेसबुक खोले बिना इनका एक दिन भी नहीं गुजरता. प्रोफाइल में खुद को सही साबित करके हर कोई दूसरे प्रतिभावान से नजदीकियां बढ़ाने को बेताब है. फेसबुक का सीधा निर्देश है कि इसमें नाबालिग अपना आइडी न बनायें, साथ ही, सहपाठी परिवार के सदस्य, सहकर्मी के अलावा जिसे आप नहीं जानते, उसे फ्रेंड रिक्वेस्ट न भेजें. बावजूद इसके, लाखों लोग ऐसे रिक्वेस्ट भेजते हैं.
बड़ी संख्या में टीन एजर्स अपना गलत प्रोफाइल अपलोड करते हैं और इसी में लगे रहते हैं, जिससे वे पढ़ाई में अपना ध्यान नहीं लगा पाते हैं. आंकड़ों के अनुसार, फेसबुक पर 7.5 मिलियन बच्चे 13 साल और 5 मिलियन बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं. अपने पोस्ट के लिए लाइक को देख कर वे समझने लगते हैं कि वे बहुत अच्छे हैं, लेकिन इसी सोच के जाल में फंस कर वे वास्तविक जिंदगी में महत्वाकांक्षाओं को पीछे छोड़ देते हैं.
उन्हें लगने लगता है कि वे जैसे भी हैं, अच्छे हैं, अब उन्हें ज्यादा बेहतर करने की कोई जरूरत नहीं है. इस सोशल साइट पर एक–एक लड़की के हजार से पांच हजार फ्रेंड्स हैं. इनमें कुछ ऐसे लड़के भी हैं जो गंदे जोक्स शेयर करते हैं, तो कुछ ने लड़कियों के नाम पर आइडी बना रखी है. दोस्त बनाना गलत नहीं है, लेकिन कैरियर निर्माण की इस महत्वपूर्ण अवस्था में शिक्षा की कीमत पर कुछ भी करना गलत है.