निजी बसों से परेशान हैं यात्री

झारखंड की सड़कों पर सरकारी बसों का परिचालन कम होने की वजह से निजी बसों की भरमार है. इसके साथ ही बढ़ जाती है बस मालिकों की मनमानी. वे इन बसों में सवारियों को जानवरों की तरह ठूंस-ठूंस कर भरते हैं और यदि उन्हें मन मुताबिक सवारियां नहीं मिलती है, तो बस में बैठे दो-चार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 19, 2015 3:00 AM
झारखंड की सड़कों पर सरकारी बसों का परिचालन कम होने की वजह से निजी बसों की भरमार है. इसके साथ ही बढ़ जाती है बस मालिकों की मनमानी. वे इन बसों में सवारियों को जानवरों की तरह ठूंस-ठूंस कर भरते हैं और यदि उन्हें मन मुताबिक सवारियां नहीं मिलती है, तो बस में बैठे दो-चार सवारियों को बीच राह में बहाना बना के उतार भी देते हैं.
नौबत यहां तक आ जाती है कि यदि भीड़ भरी बसों में सीट के लिए सवाल उठा दिया जाये, तो कंडक्टर तू-तू, मैं-मैं करने से भी बाज नहीं आता. किराया भी उतना ही अधिक लिया जाता है. किराये के बदले कोई सहूलियत देने को तैयार नहीं. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बीते छह महीने के दौरान कई बार कमी की गयी, लेकिन बस के किराये में किसी प्रकार की कमी नहीं हुई है. सरकार को चाहिए कि वे सख्ती के साथ इस पर ध्यान दे.
परमेश्वर झा, दुमका

Next Article

Exit mobile version