झलक दिखा कर चली जाती है बिजली

हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांव के छात्रों को शिक्षित करने की बात हमेशा कहते रहते हैं. उनका यह भी कहना है कि भारत की पूरी आबादी के 65 फीसदी लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं, जो एक सच है. लेकिन गांव के छात्र शिक्षित कैसे होंगे? पहली परेशानी तो गरीबी है और ऊपर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 20, 2015 6:25 AM
हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांव के छात्रों को शिक्षित करने की बात हमेशा कहते रहते हैं. उनका यह भी कहना है कि भारत की पूरी आबादी के 65 फीसदी लोग 35 वर्ष से कम उम्र के हैं, जो एक सच है. लेकिन गांव के छात्र शिक्षित कैसे होंगे? पहली परेशानी तो गरीबी है और ऊपर से बिजली की मार. गांवों में बिजली आती है और झलक दिखला के चली जाती है.
आखिर गांव के गरीब बच्चे कैसे पढ़ेंगे? समय पर किरासन तेल मिलता नहीं और बिजली भी गायब रहती है. यदि इस समस्या का निदान समय पर नहीं होता है, तो प्रधानमंत्री का न सिर्फ शिक्षित भारत का सपना टूटेगा, बल्कि उनके ‘डिजिटल इंडिया’ के अभियान को भी गहरा आघात लगेगा. प्रधानमंत्री जी, इस समय वादे पर वादे करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उन वादों पर अमल करना जरूरी है.
उत्सव रंजन, नीमा, हजारीबाग

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