ये कैसी शिक्षा मिल रही है हमें!
अभी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा चल रही है. परीक्षा केंद्र का नजारा देख कर यह लगता है कि यह कैसी शिक्षा मिल रही है! छात्रों पर नजर रखने के लिए इतने सारे पुलिसकर्मी और गार्ड नियुक्त किये गये हैं, ताकि कदाचार मुक्त परीक्षा हो सके. यदि परीक्षार्थी परीक्षा के दौरान कदाचार करते हैं, तो […]
अभी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा चल रही है. परीक्षा केंद्र का नजारा देख कर यह लगता है कि यह कैसी शिक्षा मिल रही है! छात्रों पर नजर रखने के लिए इतने सारे पुलिसकर्मी और गार्ड नियुक्त किये गये हैं, ताकि कदाचार मुक्त परीक्षा हो सके. यदि परीक्षार्थी परीक्षा के दौरान कदाचार करते हैं, तो यह किसकी गलती है परीक्षार्थी की या अभिभावक की या खुद शिक्षकों की?
आज जो शिक्षक परीक्षार्थी को कदाचार मुक्त परीक्षा देने की बात कर रहे हैं, यदि उन्हीं शिक्षकों द्वारा छात्र-छात्राओं को अच्छी शिक्षा दी जाती, अभिभावकों द्वारा अच्छी शिक्षा दी जाती, तो परीक्षार्थी शायद आज स्वयं कदाचार मुक्त परीक्षा देते न कि इतने सारे पुलिसकर्मियों और दंडाधिकारियों के बीच. आज छात्र-छात्राओं को साक्षर करनेवाली शिक्षा नीति की बजाय शिक्षित करनेवाली नीति के तहत शिक्षा देने की जरूरत है .
प्रताप कुमार तिवारी, ई-मेल से