उन्मादियों पर की जाये सख्त कार्रवाई

किसी भी धर्म का मूल उद्देश्य समाज में भाईचारा, शांति और प्रेम स्थापित करना होता है. धर्म तो मानव को मानव से जोड़ता है. वह हिंसा और नफरत नहीं फैलाता. हाल ही में, दिल्ली के गिरजाघरों में हुई तोड़-फोड़ की घटना मानवता को शर्मशार करने वाली है. प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 23, 2015 5:33 AM

किसी भी धर्म का मूल उद्देश्य समाज में भाईचारा, शांति और प्रेम स्थापित करना होता है. धर्म तो मानव को मानव से जोड़ता है. वह हिंसा और नफरत नहीं फैलाता. हाल ही में, दिल्ली के गिरजाघरों में हुई तोड़-फोड़ की घटना मानवता को शर्मशार करने वाली है.

प्रधानमंत्री ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा है कि किसी तरह की धार्मिक हिंसा बरदाश्त नहीं की जायेगी और भारत में सभी धर्मो को एक जैसी आजादी होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का कथन भी सत्य है कि इस्लाम से लड़ाई नहीं है, बल्कि इस्लाम धर्म की गलत व्याख्या करनेवालों से लड़ाई है.

धर्म एक निजी आस्था है. इसे मानने के लिए किसी को मजबूर करना धार्मिक उन्माद है. हर धर्म में अच्छे-बुरे लोग हैं, मगर किसी खास धर्म को निशाना बना कर बुराई करना गलत है. सरकार धार्मिक उन्माद और हिंसा फैलानेवालें से सख्ती से निपटे.

कृष्ण प्रसाद, रांची

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