जनप्रतिनिधित्व कानून में हो संशोधन
झारखंड विकास मोरचा के छह विधायक जिस तरह से पाला बदल कर भाजपा में शामिल हो गये, वह भले ही कानूनसंगत हो, लेकिन यह उनकी राजनीति का नैतिक पतन है. इन विधायकों को मतदाताओं ने भाजपा के हिसाब से वोट देकर जीत नहीं दिलायी थी. उनकी यह जीत भाजपा के विरोध में थी. इस बात […]
झारखंड विकास मोरचा के छह विधायक जिस तरह से पाला बदल कर भाजपा में शामिल हो गये, वह भले ही कानूनसंगत हो, लेकिन यह उनकी राजनीति का नैतिक पतन है. इन विधायकों को मतदाताओं ने भाजपा के हिसाब से वोट देकर जीत नहीं दिलायी थी. उनकी यह जीत भाजपा के विरोध में थी. इस बात को वह भली प्रकार से जानते थे.
फिर भी उन्होंने अपने स्वार्थ को साधने के लिए भाजपा का दामन थाम कर अपने मतदाताओं के विचारों और वोटों के साथ धोखा किया है. ऐसे नेताओं को सबक सिखाने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन होना ही चाहिए और ऐसे लोगों को वापस बुलाने की व्यवस्था की जानी चाहिए. ऐसे ही लोग राजनीति में आकर जनता की उम्मीदों पर पानी फेर रहे हैं. सरकार को जल्द से जल्द जनप्रतिनिधित्व कानून में संशोधन करना चाहिए.
मो शकील राही, रांची