मिडिल क्लास खुद रखे अपना ध्यान, आयकर में बदलाव नहीं, सर्विस टैक्स बढ़ा
।। राजेंद्र तिवारी ।। वर्ष 1997 में पी. चिदंबरम के बजट और वर्ष 2000 में यशवंत सिन्हा के बजट के बाद यह तीसरा मौका है जब वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को नयी दिशा की ओर मोड़ने वाला बजट पेश किया है. 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के साथ शुरू हुई को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म (वित्तीय फेडरलिज्म) की […]
।। राजेंद्र तिवारी ।।
वर्ष 1997 में पी. चिदंबरम के बजट और वर्ष 2000 में यशवंत सिन्हा के बजट के बाद यह तीसरा मौका है जब वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को नयी दिशा की ओर मोड़ने वाला बजट पेश किया है. 14वें वित्त आयोग की सिफारिशों के साथ शुरू हुई को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म (वित्तीय फेडरलिज्म) की पृष्ठभूमि में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूंजीगत खर्चों पर जोर देने और राजस्व व्यय पर अंकुश की कोशिश इस बजट में की है. न तो लोकलुभावन घोषणाएं हैं और न ही बड़े-बड़े सुधारों का डंका.
इसकी जगह संरचनागत सुधारों को तवज्जो दी गयी है जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए संस्थागत आधार तैयार करने वाले साबित हो सकते हैं. बजट में कर सुधारों से लेकर नयी वित्तीय नीति का खाका खींचने, कृषि उत्पादों के लिए बाजार विकसित करने से लेकर गोल्ड होल्डिंग के लिए तरलता, बैंकिंग प्रशासन, बैंकरप्सी कानून व कल्याण योजनाओं को सुधारने तक की बात कही गयी है.
बजट भाषण में वित्त मंत्री अरु ण जेटली ने कहा कि मेरे सामने पांच प्रमुख चुनौतियां हैं. पहला- कृषि से कम आय, दूसरा-सरकारी घाटे को काबू करना, तीसरा- राजकीय अनुशासन को बनाये रखना, चौथा-मेन्युफैक्चरिंग सेक्टर का जीडीपी बढ़ाना और पांचवा-गरीबों तक सब्सिडी पहुंचाना. उन्होंने आर्थिक स्थिति पर संतोष प्रकट किया और कहा कि इस वित्त वर्ष में जीडीपी 7.4 फीसद रहने का अनुमान है. उन्होंने राजकोषीय घाटा को 4.1 फीसद पर लाने का लक्ष्य रखा. जेटली ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 में विकास दर 8 से 8.5 फीसदी के बीच रह सकती है और उसके बाद इसके दहाई के अंक में भी पहुंचने की संभावना है.
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने कहा कि गरीबों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे इसके लिए हम सब्सिडी को जेएएम से जोड़ेंगे. उन्होंने अब जन धन योजना के तहत खुलने वाले खातों के लिए दुर्घटना बीमा बढ़ा कर दो लाख रु पये करने का एलान किया. वित्त मंत्री ने अटल पेंशन योजना शुरू करने का एलान किया. इसके तहत एक हजार रु पये कर्मचारी और एक हजार रु पये सरकार देगी. 60 साल की उम्र के बाद कर्मचारी इसका लाभ उठा सकेंगे.
वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना शुरू करने की घोषणा की. इसके तहत गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों को बीमा कवर दिया जायेगा. इसमें 12 रु पये के सालाना प्रीमियम पर दो लाख का बीमा कवर होगा. साथ ही अल्पसंख्यकों के लिए नयी मंजिल योजना की घोषणा की गयी. इसके लिए 3738 करोड़ रु पये का प्रावधान किया गया है.
बजट में मध्यान्ह भोजन सहित शिक्षा क्षेत्र के लिए 68,968 करोड़, कृषि सिंचाई के लिए एक हजार करोड़, बाल विकास स्कीम के लिए 1500 करोड़, नीति आयोग को एक हजार करोड़, स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 33,152 करोड़, मनरेगा सहित ग्रामीण विकास गतिविधियों के लिए 79,526 करोड़, आवास और शहरी विकास के लिए 22,407 करोड़, महिला एवं बाल विकास के लिए 10,351 करोड़ और जल संसाधन तथा नमामि गंगे के लिए 4,173 करोड़ रु पये का प्रावधान किया गया है. महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निर्भया फंड में अतिरिक्त एक हजार करोड़ रु पये देने की घोषणा की गयी.
जेटली ने घोषणा की कि ईपीएफ के संबंध में कर्मचारियों को दो विकल्प चुनने की आवश्यकता है. पहला कर्मचारी या तो ईपीएफ या नयी पेंशन योजना चुन सकता है और यह मालिकों के योगदान को कम या प्रभावित किये बिना होना चाहिए. ईएसआइ के बारे में उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को ईएसआइ या आइआरडीए द्वाारा मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य बीमा उत्पाद में से किसी एक को चुनने का विकल्प होना चाहिए.
वित्त मंत्री ने वायदा बाजार के निगमन को मजबूत बनाने और सट्टेबाजी कम करने के लिए वायदा बाजार आयोग को सेबी में विलय करने का प्रस्ताव किया है. वित्त विधेयक-2015 में सरकारी प्रतिभूति अधिनियम और भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव है. वित्त विधेयक के जरिये फेमा की धारा-6 में संशोधन का भी प्रस्ताव किया गया है ताकि इक्विटी की तरह ही पूंजी प्रवाहों पर भारतीय रिजर्व बैंक के साथ परामर्श करके सरकार द्वारा नियंत्रण रखा जाये.
अरुण जेटली ने स्वर्ण मुद्रीकरण के लिए कई कदमों की घोषणा की. उन्होंने कहा कि भारत विश्व में सबसे बड़े स्वर्ण उपभोक्ताओं में से एक है. प्रतिवर्ष 800-1000 टन स्वर्ण आयात होता है. उन्होंने स्वर्ण मुद्रीकरण योजना जारी करने की घोषणा की, जो स्वर्ण जमा और स्वर्ण ऋ ण दोनों का स्थान लेगी. इसके अलावा स्वर्ण सिक्का भी बनाने का का काम शुरू किया जायेगा जिसके पटल पर अशोक चक्र बना होगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि देश के 25 विश्व सांस्कृतिक धरोहर स्थलों पर सुविधाओं की काफी कमी है और उनके जीणार्ेद्धार की आवश्यकता है. इसके लिए यहां काम शुरू करने के लिए संसाधन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया है.
बजट भाषण में वित्त मंत्री ने जम्मू-कश्मीर, असम, पंजाब, हिमाचल और तमिलनाडु में नया एम्स खोलने का एलान किया. इसके साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर और आंध्र प्रदेश में आइआइएम खोलने की घोषणा की. अरु णाचल प्रदेश में एक फिल्म इंस्टीच्यूट भी खोलने की घोषणा की गयी. वित्त मंत्री ने 150 देशों के लिए वीजा ऑन अराइवल, देशभर में नेशनल स्किल डेपलपमेंट प्रोग्राम शुरू करने की बात कही. आइएसएम धनबाद को आइआइटी का दर्जा देने की घोषणा की गयी. जेटली ने बिहार और पश्चिम बंगाल विशेष सहायता देने की घोषणा की. रक्षा क्षेत्र को बेहद अहम बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि इसके लिए दो लाख 86 हजार 727 करोड़ रु पये बजट का प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि सेना का आधुनिकीरण करना हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है.
मध्यम वर्ग की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए वित्त मंत्री ने आयकर छूट में कोई बदलाव नहीं किया. इसका अर्थ यह है कि व्यक्तिगत आयकर में प्रति वर्ष 2.5 लाख रु पये तक छूट जारी रहेगा. वहीं एक करोड़ से ज्यादा की आय वालों को दो फीसद सरचार्ज देना होगा. स्वास्थ्य बीमा पर अवश्य टैक्स छूट 15 हजार से बढ़ा कर 25 हजार करने की घोषणा की, जबकि बुजुर्गों के लिए यह छूट 30 हजार होगी. बजट में यह भी प्रस्ताव किया गया है कि अत्यंत वरिष्ठ नागरिक की गंभीर बीमारी के कारण होने वाले खर्चों पर कटौती की सीमा 60 हजार से बढ़ा कर रु पये 80 कर दी जाए. साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश किये जाने पर 80सी के तहत रियायत मिलेगी और इस योजना के तहत किये जाने वाले किसी भुगतान पर कर नहीं लगेगा.
योग के महत्व को स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री ने इसे धर्मार्थ प्रयोजन में शामिल करने का प्रस्ताव किया. धर्मार्थ संस्थाओं के सामने आ रही समस्याओं को कम करने के लिए इनके क्रि याकलापों से होने वाली प्राप्तियों पर अधिततम सीमा संशोधित करके 25 लाख की मौजूदा सीमा से कुल प्राप्तियां 20 फीसद करने का प्रस्ताव किया गया है. इसके लिए गैर लाभकारी संगठनों का एक नेशनल डेटा भी तैयार करने का प्रस्ताव है.
बजट में कॉरपोरेट टैक्स को 30 फीसद से घटाकर 25 फीसद करने का प्रस्ताव रखा गया है, जो अगले चार साल में लागू होगा. साथ ही सेवा कर को 12.36 फीसद से बढ़ा कर 14 फीसद करने का प्रस्ताव है. इससे रेस्टोरेंट का खाना, हवाई यात्रा, फोन बिल, घर खरीदना, केबल टीवी, वाई-फाई आदि महंगा हो जायेगा.
वित्त मंत्री ने टैक्स चोरी और काले धन को वापस लाने के लिए नया कानून बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत टैक्स चोरी करने वालों को 10 साल और विदेशों में काला धन छुपाने वालों को सात साल की कड़ी सजा का प्रावधान है. लेन-देन को पारदर्शी बनाने के लिए अब एक लाख रु पये से ज्यादा की खरीदारी पर पैन कार्ड देना अनिवार्य करने का प्रावधान किया गया है.
इसके आलवा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं को केंद्रीय सहायता से मुक्त करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि 24 योजनाएं परिवर्तित हिस्सेदारी के साथ चलायी जायेंगी, जबकि 31 योजनाओं को सरकार से पूरी सहायता दी जायेगी.