Loading election data...

लोगों के बीच मेल बिगाड़ता ई-मेल

।। राजीव चौबे ।। (प्रभात खबर, रांची) कहते हैं कि महंगाई बढ़ती है, पर कभी घटती नहीं. लेकिन, एक क्षेत्र ऐसा है जहां पिछले डेढ़ दशक में महंगाई कम होती चली गयी. जी हां, हम बात कर रहे हैं टेलीफोन कॉल दरों की. एक ओर आलू–प्याज से लेकर पेट्रोल–डीजल तक महंगे होते चले गये और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2013 3:47 AM

।। राजीव चौबे ।।

(प्रभात खबर, रांची)

कहते हैं कि महंगाई बढ़ती है, पर कभी घटती नहीं. लेकिन, एक क्षेत्र ऐसा है जहां पिछले डेढ़ दशक में महंगाई कम होती चली गयी. जी हां, हम बात कर रहे हैं टेलीफोन कॉल दरों की. एक ओर आलूप्याज से लेकर पेट्रोलडीजल तक महंगे होते चले गये और दूसरी तरफ मोबाइल फोन सस्ता होतेहोते खास लोगों से रिक्शेवाले के हाथ तक पहुंच गया.

आज हालत यह है कि यह बच्चों से लेकर बूढ़ों तक की जरूरत बन गया है. युवा इसमें कहां से कहां तक पहुंच चुके हैं, बताने की जरूरत शायद नहीं है. खैर, हम बात कर हैं मोबाइल फोन की और लेख का शीर्षक है मेल से जुड़ा. तो आप भी सोच रहे होंगे कि मैं भी जापान की जगह चीन क्यों पहुंच रहा हूं.

बात यह है कि मोबाइल क्रांति के साथसाथ इंटरनेट क्रांति भी इस देश में हुई है. जिसके पास मेल का पता नहीं, उसे बेघर से भी गयागुजरा समझा जाता है. जैसे हर चीज के दो पहलू होते हैं, वैसे ही मेल के भी हैं. यह संदेश, ग्रीटिंग कार्ड, चैटिंग के जरिये मेल कराता है, तो अपने वास्तविक रूप में सहकर्मियों और अधिकारियों का मन आपके प्रति खट्टा भी करता है. दफ्तर को एक तरह से औपचारिकता का पर्याय माना जाता है.

यहां आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आपकी ड्रेस से लेकर भाषा तक, सब कुछ फॉर्मल होना चाहिए. यह बात अलग है कि हमें नियमकानून तोड़ने में बड़ा मजा आता है. खैर, आपको अगर अपने सीनियर या सहकर्मी से कोई ऑफीशियल दरख्वास्त करनी है या कोई जरूरी टास्क सबमिट करना है, तो यह बेहतर रहता है कि आप इसे मेल के जरिये करें.

यह तो आप करते ही होंगे, अगर नहीं करते तो जल्दी सीख लें. इसका फायदा यह होता है कि इसमें आपके संवाद का रिकॉर्ड रहता है और कोई यह नहीं कह सकता है कि उसे आपका संदेश नहीं मिला. दरअसल यही बात कई लोगों के दिलों को चोट भी पहुंचा जाती है. इसीलिए यह मेल कई बार लोगों के बीच मेल को बिगाड़ देता है.

यही नहीं, बिजली की कंप्लेन हो या किसी कंपनी के उत्पाद या सेवा की शिकायत, अगर आप यह मेल के जरिये करते हैं, तो आपकी शिकायत को तरजीह ज्यादा मिलेगी. क्योंकि अगर उस पर कार्रवाई नहीं की गयी तो आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी है, बस उसे उसके वरीय अधिकारी के पास फॉरवर्ड कर देना है, साथ ही उनके भी वरीय अधिकारियों को उसकी सीसी बीसीसी भी भेज दें.

तो आप यह पायेंगे कि इसी डर से आपके मेल पर प्रतिक्रिया जल्दी मिलती है. यह दीगर बात है कि आपके मेल का प्राप्तकर्ता चाहे जानापहचाना हो या अनजाना, आपसे खार खाये रहेगा. तो सावधान रहने की जरूरत है. कहीं आपके खिलाफ भी कोई मेल का हथियार चला दे.

Next Article

Exit mobile version