16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वंचितों को हौसला देगा यह कदम

* अनाथालय गये मुख्यमंत्री झारखंड के नये मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने 15 अगस्त के दिन प्रतीकात्मक ही सही, लेकिन समाज में हाशिये पर डाल दिये गए लोगों को हिम्मत व हौसला दिलाने की पहल की है. यह स्वागत योग्य है. यह अच्छी शुरुआत है. खबरों के मुताबिक हेमंत सोरेन 15 अगस्त को पहले रांची के […]

* अनाथालय गये मुख्यमंत्री

झारखंड के नये मुख्यमंत्री हेमंत सोरन ने 15 अगस्त के दिन प्रतीकात्मक ही सही, लेकिन समाज में हाशिये पर डाल दिये गए लोगों को हिम्मत हौसला दिलाने की पहल की है. यह स्वागत योग्य है. यह अच्छी शुरुआत है.

खबरों के मुताबिक हेमंत सोरेन 15 अगस्त को पहले रांची के वयोवृद्ध स्वतंत्रता सेनानी राधा प्रसाद के घर पहुंचे. राधा प्रसाद के घर पहुंचने वाले वे पहले मुख्यमंत्री हैं. फिर उनके आवास से ही सभी जिलों के उपायुक्तों को यह निर्देश दिया कि शाम तक वे अपने जिलों के तमाम स्वतंत्रता सेनानियों के घर पर अधिकारियों को भेज कर सम्मानित करें. इससे पहले मुख्यमंत्री का चेशायर होम और आंचल अनाथालय के बच्चों के लिए समय निकालना भी बहुत खास संदेश देता है.

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर रस्मी तौर पर होने वाले भाषण कार्यक्रम के बाद इस तरह उपेक्षित लोगों के बीच जाना, उनके लिए सरकार के घर तक आने के माफिक है. मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर स्वतंत्रता सेनानी राधा प्रसाद की आंखों का छलछला जाना और यह कहना कि मुख्यमंत्री के उनके घर तक आने से लगा कि संघर्ष बेकार नहीं जाता है, यह बताता है कि अगर लोगों को अपने नेताओं से जरासा हौसला सहारा ही मिल जाये, तो लोगों का आत्मबल बहुत बढ़ जाता है.

हेमंत सोरेन ने आंचल अनाथालय के बच्चों के रहने के लिए साफसुथरा और बड़ा भवन तत्काल उपलब्ध कराने का आदेश भी दिया. अनाथालय के बच्चों के लिए यह बड़ी बात है. उम्मीद की जानी चाहिए कि उनके आदेश पर जल्द ही आंचल अनाथालय को नया भवन मिल जायेगा. राष्ट्रीय पर्व जैसे खास मौके पर इस तरह का संदेश देने की पुरानी रिवायत रही है. लेकिन समय के साथ नेताओं ने इसे बिसरा दिया है. अच्छा हुआ कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह रिवाज फिर से शुरू किया है.

दरअसल, इसी तरह वंचित हाशिए पर डाल दिए गये लोगों के बीच साहस और उम्मीद का संचार करना ही सरकार का मकसद होना चाहिए. गांधी जी ने एक जंतर दिया था कि जब किसी फैसले को लेकर तुम्हारे मन में कोई दुविधा हो, तो समाज के आखिरी आदमी को याद करो और सोचो कि जो तुम फैसला लेने जा रहे हो, वह उसके हित में है या नहीं.

आज इसी आखिरी आदमी के लिए राजनीति की जरूरत है. जनता में यह राय बनती जा रही है कि आज पूरी राजनीति पैसेवालों के लिए केंद्रित होती जा रही है. इस धारणा को तोड़ने के लिए गरीबों, वंचितों, असहायों के साथ हमारे राजनेताओं को खड़ा होना होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें