बेरोजगारी कम नहीं हो रही
केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार, बेरोजगारी कम हो इसके लिए दोनों ही कोई खास प्रयास नहीं कर रही हैं. जैसा कि आप सब जानते हैं कि केंद्र और राज्य दोनों जगह बहुमत की सरकार है, पर बेरोजगारी कम होने का नाम नहीं ले रही है, बल्कि दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पढ़े […]
केंद्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार, बेरोजगारी कम हो इसके लिए दोनों ही कोई खास प्रयास नहीं कर रही हैं. जैसा कि आप सब जानते हैं कि केंद्र और राज्य दोनों जगह बहुमत की सरकार है, पर बेरोजगारी कम होने का नाम नहीं ले रही है, बल्कि दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. पढ़े लिखे युवक-युवतियां बेरोजगारी का दंश ङोल रहे हैं. बड़े-बड़े कॉलेज डिग्री तो दे देते हैं, पर नौकरी के नाम पर कुछ नहीं मिलता. पहले तो खूब रिझाया जाता है कि फलां-फलां कॉलेज से पढ़ने पर अच्छी नौकरी मिल जायेगी. लेकिन बाद में कुछ नहीं होता.
पढ़ाई खत्म होने पर युवक-युवतियों का निराशा का दौर शुरू हो जाता है. काम की तलाश में वे यहां-वहां भटकते रहते हैं, पर उन्हें कोई अच्छा काम नहीं मिलता. प्रधानमंत्री जी को विदेश यात्र से ही फुरसत नहीं मिल रही है. देश के युवाओं के लिए नौकरी के बारे में सोचने के लिए उनके पास समय नहीं है. इतिहास गवाह है कि जब से देश आजाद हुआ है तब से लेकर अब तक किसी प्रधानमंत्री ने इतने कम समय में इतनी विदेश यात्रएं नहीं की होंगी, जितनी की मोदीजी ने की हैं. आये दिन बेरोजगारी के कारण आत्महत्याएं होती हैं. काम न मिलने का दबाव, अभिभावकों का ख्याल, अपने भविष्य का सपना पूरा न होते देख आत्महत्याएं बढ़ती जा रही हैं.
हम सब को मिल कर प्रयास करना होगा कि हम खुद से ही नये रोजगार बढ़ायें. अपने भी काम करें और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें. लघु एवं मध्यम उद्योगों को सरकार को भी बढ़ावा देना चाहिए. इसके लिए हर संभव सहायता करनी चाहिए जिससे कि युवाओं को नये रोजगार मिल सकें और उनके जीवन में प्रकाश आ सके.
मंजू लता सिंह, कोकर, रांची