आईना दिखाते उत्क्रमित उच्च विद्यालय
आईना दिखाते उत्क्रमित उच्च विद्यालय देश में भले ही नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू हो गया हो, लेकिन झारखंड में ऐसा कुछ भी नहीं लगता. सुदूर ग्रामीण इलाकों के बच्चों को मैट्रिक स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्क्रमित उच्च विद्यालय की स्थापना कर भले ही सरकार अपनी पीठ थपथपा रही हो, […]
आईना दिखाते उत्क्रमित उच्च विद्यालय
देश में भले ही नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का कानून लागू हो गया हो, लेकिन झारखंड में ऐसा कुछ भी नहीं लगता. सुदूर ग्रामीण इलाकों के बच्चों को मैट्रिक स्तर की शिक्षा प्रदान करने के लिए उत्क्रमित उच्च विद्यालय की स्थापना कर भले ही सरकार अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन ये विद्यालय सरकार को ही आईना दिखा रहे हैं.
2008 में सरकार ने 338 विद्यालयों को उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा दिया था, लेकिन आज तक इनमें एक भी शिक्षक नहीं हैं. इस कारण छात्रों को उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही है. कई विद्यालयों में पारा शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं, तो कई विद्यालयों में कोई शिक्षक नहीं है. इस कारण गरीब छात्रों को महंगे ट्यूशन का सहारा लेना पड़ रहा है. वहीं, सरकार इन विद्यालयों के नाम पर सिर्फ कागजी घोड़ा ही दौड़ा रही है. इससे छात्रों का भविष्य कैसे सुधरेगा?
विश्वजीत कुमार चौबे, गढ़वा