झारखंड को पटरी पर लाने की पहल

झारखंड में सरकार का कामकाज गति पकड़ रहा है. कैबिनेट की बैठकों में बड़े फैसले लिये जा रहे हैं. सरकार एक ही साथ कई मोरचे पर काम कर रही है. राज्य में जहां ढांचागत परियोजनाओं के विस्तार पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, वहीं छोटे स्तर पर भी आम जनता को राहत मिले, सरकार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2015 5:33 AM

झारखंड में सरकार का कामकाज गति पकड़ रहा है. कैबिनेट की बैठकों में बड़े फैसले लिये जा रहे हैं. सरकार एक ही साथ कई मोरचे पर काम कर रही है. राज्य में जहां ढांचागत परियोजनाओं के विस्तार पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है, वहीं छोटे स्तर पर भी आम जनता को राहत मिले, सरकार यह सुनिश्चित करने में जुटी है.

हालांकि सरकार का काम जमीन पर दिखने में कुछ समय तो लगेगा ही. सीएम रघुवर दास नयी राजधानी बनाने से लेकर राज्य को विकास की पटरी पर दौड़ता देखना चाहते हैं. उनकी इसी तड़प का नतीजा है कि राज्य में रुकी पड़ी कई परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर धन मुहैया कराने की व्यवस्था की जा रही है.

इसी के तहत सरकार ने रेलवे की परियोजनाओं को रफ्तार देने के लिए 400 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है. राज्य की करीब 80 फीसदी रेल परियोजनाओं का काम अभी ठप है. जो काम हो भी रहा है, वह बहुत ही धीमा है. इसके साथ ही देवघर-दुमका रेल लाइन के लिए 30.48 करोड़ रुपये के भुगतान पर 20.30 एकड़ जमीन रेलवे को दी जायेगी. मुख्यमंत्री का मानना है कि रेलवे, सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत क्षेत्रों में बहुत कुछ करना बाकी है. अब तक इन क्षेत्रों के विकास पर ध्यान नहीं दिया जा सका था.

इसी तरह पूरे राज्य पानी और बिजली की समस्या भी गंभीर है. राज्य में औसत से अधिक बारिश होने के बावजूद यहां गरमियों में पानी की किल्लत आम बात है. सरकार ने अपने अफसरों को निर्देश दिया है कि इस साल गरमियों में पानी की किल्लत न होने पाये, इसके लिये अभी से तैयारी शुरू कर दी जाये. राज्य में बेरोजगारी की समस्या भी विकराल है. इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने इंडिया रिजर्व बटालियन के गठन पर अपनी मुहर लगा दी है.

बटालियन में कुल सात कंपनियां होंगी. इस बटालियन का आठ साल तक पूरा खर्च भारत सरकार उठायेगी. इस फोर्स में 75 फीसदी नियुक्तियां राज्य के उग्रवाद प्रभावित जिलों से की जायेगी. इससे नक्सल प्रभावित इलाकों से युवकों का पलायन जरूर थमेगा. सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की कोशिश में भी जुटी है. कुल मिला कर आम लोगों को भी नयी सरकार से बहुत उम्मीदें हैं. निश्चित ही सरकार को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने की गंभीर चुनौती है.

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