शिक्षा के बिना पूरा जग ही सूना

शिक्षा के बिना कोई बच्च परकटे पक्षी की तरह हो जाता है. आज भी कई ऐसे ‘पक्षी’ दिखते हैं. कुछ होटलों में आपको नाश्ता परोसते हुए मिल जायेंगे, कुछ उसी होटल में बर्तन मांजते हुए नजर आयेंगे. हमने ऐसे कितने बच्चों को बालश्रम करते हुए देखा है, पर हम देख कर ही रह जाते हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2015 5:39 AM
शिक्षा के बिना कोई बच्च परकटे पक्षी की तरह हो जाता है. आज भी कई ऐसे ‘पक्षी’ दिखते हैं. कुछ होटलों में आपको नाश्ता परोसते हुए मिल जायेंगे, कुछ उसी होटल में बर्तन मांजते हुए नजर आयेंगे. हमने ऐसे कितने बच्चों को बालश्रम करते हुए देखा है, पर हम देख कर ही रह जाते हैं.
जो कोई इन्हें इस हाल में देखता है, तो उसे बुरा लगता है, पर उससे कुछ नहीं होता. एक लड़का पांचवीं कक्षा में मेरे साथ पढ़ता था और कक्षा में पहले नंबर पर आता था, आज उसे डीजे वगैरह का काम करते हुए देख कर लगता है, जैसे कहीं न कहीं मैं भी दोषी हूं. हम सभी दोषी हैं, जो उसे कम से कम वैचारिक सहायता तो दे ही सकते थे. शिक्षा आज सभी के लिए जरूरी है. किसी के लिए सपनों को परवान चढ़ाने के वास्ते, तो किसी के लिए जीवन के लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते.
अभिलाषा त्रिवेदी, गिरिडीह

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