कैग की रिपोर्ट पर हो कड़ी कार्रवाई

चारा घोटाले की तर्ज पर रांची नगर निगम में कचरा ढुलाई घोटाला उजागर हुआ है. चारा घोटालेबाजों ने कार और दोपहिया से हजारों गाय-भैसों को ढोया था. इस घोटाले से जुड़े कई मामलों में दोषियों को सजा हो चुकी है और कई मामले आज भी अदालतों में विचाराधीन हैं. इसी तरह रांची नगर निगम ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2015 5:41 AM
चारा घोटाले की तर्ज पर रांची नगर निगम में कचरा ढुलाई घोटाला उजागर हुआ है. चारा घोटालेबाजों ने कार और दोपहिया से हजारों गाय-भैसों को ढोया था. इस घोटाले से जुड़े कई मामलों में दोषियों को सजा हो चुकी है और कई मामले आज भी अदालतों में विचाराधीन हैं.
इसी तरह रांची नगर निगम ने राजधानी से निकले करीब 78 हजार 633 टन कूड़े को स्कूटर, मोटरबाइक, कार, ऑटो और बस से ढुलवा दिया. इसकी एवज में निगम ने 4.72 करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया. इस घोटाले को कैग की रिपोर्ट ने उजागर किया है. रिपोर्ट गुरुवार को झारखंड विधानसभा में पेश की गयी.
रिपोर्ट पेश करने के बाद प्रधान महालेखाकार (ऑडिट) मृदुला सप्रू ने कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए. उनके मुताबिक अप्रैल 2011 से सितंबर 2013 तक डंपिंग यार्ड तक पहुंचाये गये चार लाख दो हजार 641 हजार टन कचरे में से 78, 633 टन कचरा पहुंचाने के लिए 92 गाड़ियों का नंबर दिया गया है. जांच में पता चला है कि ये सारे नंबर स्कूटर, मोटरसाइकिल, कार, ऑटोरिक्शा व बसों के हैं.
इससे साफ लगता है कि इसमें बड़ा घोटाला हुआ है. वहीं, नगर निगम ने इसे मानवीय भूल बताया है. लेकिन कैग रिपोर्ट में कहा गया है कि गाड़ियों के नंबर बार-बार चढ़ाये गये हैं, इसलिए इसे मानवीय भूल नहीं माना जा सकता. यह जानबूझ कर किया ‘कारनामा’ लगता है. यही नहीं, कैग रिपोर्ट में कचरा ढोनेवाली कंपनी एटूजेड पर भी कई सवाल खड़े किये गये हैं. कहा गया है कि उक्त कंपनी कई अहर्ताओं पर खरी नहीं उतरती थी. इसके बावजूद कंपनी को काम दिया गया. रिपोर्ट में कई अन्य मामलों में भी सवाल उठाये गये हैं और कहा गया है कि सरकारी तंत्र के लचर रवैये के चलते राज्य को कम से कम 992.05 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है.
यह चपत राजस्व वसूली में हीला-हवाली, गलत कर निर्धारण और सही अर्थदंड न लगाने के कारण लगी है. उधर, राज्य सरकार ने खुद भी 530.66 करोड़ रुपये के राजस्व के नुकसान की बात कबूल की है. उम्मीद की जानी चाहिए कि राज्य सरकार कैग रिपोर्ट में उठाये गये सवालों को गंभीरता से लेते हुए इसकी निष्पक्ष जांच करवायेगी और जो भी दोषी होगा उसे दंडित करेगी.

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