12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मृतप्राय होती जा रही है मानवता

गत 30 मार्च की सुबह झारखंड के गढ़वा-रंका मोड़ पर हुई बस दुर्घटना में कई लोगों की जान चली गयी और कई घायल हो गये. यह अपने आप में विपदा है. विपदा के समय पीड़ितों की यथासंभव सहायता करना मनुष्य का कर्तव्य होना चाहिए. इस दुर्घटना के बाद आसपास के लोगों ने घटनास्थल पर पहुंच […]

गत 30 मार्च की सुबह झारखंड के गढ़वा-रंका मोड़ पर हुई बस दुर्घटना में कई लोगों की जान चली गयी और कई घायल हो गये. यह अपने आप में विपदा है. विपदा के समय पीड़ितों की यथासंभव सहायता करना मनुष्य का कर्तव्य होना चाहिए. इस दुर्घटना के बाद आसपास के लोगों ने घटनास्थल पर पहुंच कर पीड़ितों की सहायता पहुंचायी,
जो सराहनीय कार्य है, किंतु यह जान कर हमारा सिर शर्म से झुक जाता है कि इस विपदा की घड़ी में भी वहां अनेक ऐसे लोग भी पहुंचे, जो सहायता करने के बजाय घायलों और मृतकों के मोबाइल, नकद राशि और अन्य कीमती सामान लेकर रफूचक्कर हो रहे थे. आदमी की इसी करतूत पर किसी संत ने कहा है कि मनुष्य इतना असंवेदनशील हो चुका है कि उसे अपनों या समाज के लोगों की वेदना का आभास तक नहीं है.
चंद्र भूषण पाठक, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें