विभिन्न धार्मिक त्योहारों का देश भारत
आकार पटेल वरिष्ठ पत्रकार हम धार्मिक लोग हैं और यह हमारे जीवन में भी परिलक्षित होता है. हम लगातार ईश्वर का ध्यान खींचने की कोशिश में लगे रहते हैं, हालांकि हम- अद्वैत की हिंदू मान्यता और वहदत अल-वजूद की सूफी समझ- उसके हर जगह होने में आस्था का दावा करते हैं. गुड फ्राइडे के दिन […]
आकार पटेल
वरिष्ठ पत्रकार
हम धार्मिक लोग हैं और यह हमारे जीवन में भी परिलक्षित होता है. हम लगातार ईश्वर का ध्यान खींचने की कोशिश में लगे रहते हैं, हालांकि हम- अद्वैत की हिंदू मान्यता और वहदत अल-वजूद की सूफी समझ- उसके हर जगह होने में आस्था का दावा करते हैं.
गुड फ्राइडे के दिन काम करने को लेकर कुछ न्यायाधीशों की आपत्ति पर विवाद खड़ा हो गया है.
प्रधान न्यायाधीश एचएल दत्तु ने कहा है कि अदालत आंतरिक स्तर पर इस मुद्दे का समाधान कर लेगी और उम्मीद है कि ऐसा होगा. भारत में मामला यह है कि हमारी धर्मनिरपेक्षता समावेशी है. यूरोप की धर्मनिरपेक्षता का आधार ईसाइयत से राज्य की दूरी है.
भारतीयों की दृष्टि में धर्मनिरपेक्षता का अर्थ सभी धर्मो का समान आदर है. माना जाता है कि यह सहिष्णुता में हिंदू धर्म की आस्था को परिलक्षित करता है. संस्कृत की एक सूक्ति है- वसुधैव कुटुंबकम्- यानी समूची दुनिया ही परिवार है. हालांकि, धार्मिक हिंसा की हालिया घटनाएं यह दिखाती हैं कि समावेशी धर्मनिरपेक्षता का हमेशा पालन नहीं किया जाता है. अहस्तक्षेप की समझ के कारण धर्म पर सनकी टिप्पणियों को अक्सर बर्दाश्त किया जाता है, और मेरे पत्रकार मित्र स्वर्गीय बीजी वर्गीज भारतीय धर्मनिरपेक्षता को ‘हर किसी की सांप्रदायिकता के प्रति समान आदर’ के रूप में विश्लेषित करते थे.
लेकिन समावेशी धर्मनिरपेक्षता का सिद्धांत भारत का संविधान है और शायद हम कभी इस शानदार दस्तावेज के लायक बन सकेंगे. चूंकि भारतीय राज्य समावेशी होने की कोशिश करता है, इसलिए हर धर्म के उत्सव आधिकारिक अवकाश होते हैं. हमारा कैलेंडर दुनिया का सबसे रंग-बिरंगा कैलेंडर है.
बहुत-से शहरी अमेरिकी क्रिसमस के अवसर पर एक-दूसरे को अब ‘मेरी क्रिसमस’ की जगह ‘हैप्पी होलीडेज’ कह कर शुभकामना देते हैं. यह दूसरों की भावनाओं के सम्मान की चिर-परिचित यूरोपीय समझदारी है. ‘हैप्पी होलीडेज’ कहनेवाले अपनी खुशी को साझा करना चाहते हैं, पर यहूदियों और अन्यों को अपमानित नहीं करना चाहते. व्यक्तिगत रूप से मुङो ‘मेरी क्रिसमस’ पसंद है और ईसाइयों द्वारा अपने मसीहा के जन्म का उत्सव मनाने पर किसी के बुरा मानने का कोई कारण नहीं दिखता. लेकिन, भारत में आप ‘हैप्पी होलीडेज’ नहीं कह सकते हैं, क्योंकि हमारे यहां वर्षभर छुट्टियां रहती हैं. जरा इस पर नजर डालें.
जनवरी में चार हैं- मकर संक्रांति, वसंत पंचमी, गणतंत्र दिवस और मुहर्रम. संक्रांति कुछ सौर छुट्टियों में एक है, क्योंकि इसलामिक कैलेंडर की तरह हिंदू कैलेंडर चंद्रमा की गति पर आधारित है. संक्रांति हमेशा 14 जनवरी को मनाया जाता है, जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. गुजराती इसे धार्मिक तरीके से नहीं मनाते है, पर कुछ अन्य हिंदू ऐसा करते हैं, और हम इस दिन पतंग उड़ाते हैं और तिल के लड्डू खाते हैं. हालांकि, इसे हिंदू त्योहार के रूप में देखा जाता है, लेकिन गुजरात में हर संप्रदाय के लोग इसे मनाते हैं. सूरत की बेहतरीन पतंगें मुसलिम कारीगरों द्वारा बनायी जाती हैं. मैं 1980 के दशक में अपने पिता के मित्र के साथ उनके मुहल्ले में जाकर उन लोगों से पतंगें खरीदता था, जो 40 वर्षो से परिवार को पतंग देते आ रहे थे.
वसंत पंचमी हिंदू माघ महीने का पांचवां दिन और वसंत का पहला दिन होता है. मुख्य रूप से यह उत्तर भारतीय उत्सव है, जो लाहौर में मनाया जाता है, पर कराची में नहीं. इसका कारण यह है कि मुंबई और कराची जैसे शहरों में जाड़े या वसंत का मौसम नहीं होता, वहां मौसम गर्म और नमीयुक्त होता है. गणतंत्र दिवस संविधान के लागू होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. अधिकतर भारतीय शिया और सुन्नी में भेद को नहीं समझते हैं, और सोचते हैं कि मुहर्रम सभी मुसलमान मनाते हैं.
फरवरी में महाशिवरात्रि और ईद-उल-मिलाद होता है. मार्च में होली का त्योहार होता है, जिसके साथ ठंड के मौसम की समाप्ति होती है. मार्च में भगवान राम का जन्म दिवस रामनवमी मनायी जाती है और अंतिम महान जैन संत महावीर का जन्म दिवस महावीर जयंती भी होती है. अप्रैल महीने में ईसा मसीह के सूली पर चढ़ा दिये जाने की याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है तथा फसलों के मौसम की शुरुआत का उत्सव बैसाखी भी होता है.
मई में भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण की स्मृति में बुद्ध पूर्णिमा का उत्सव होता है. अधिकतर भारतीय बौद्धों के लिए बड़े दिन आंबेडकर का जन्मदिन 14 अप्रैल और उनका मृत्यु दिवस छह दिसंबर हैं. डॉ आंबेडकर भारतीय संविधान के रचयिता और दलितों के नेता थे. वर्ष 1956 में बौद्ध धर्म में उनके धर्मातरण ने दलितों के हिंदू धर्म छोड़ने की शुरुआत की, और भारत में अधिकतर बौद्ध इसी समुदाय से हैं. छह दिसंबर वह दिन भी है, जब 1992 में बाबरी मसजिद को तोड़ा गया था.
अगस्त में स्वतंत्रता दिवस होता है, जिसे हम पाकिस्तानी स्वतंत्रता दिवस के एक दिन बाद मनाते हैं. कहा जाता है कि ज्योतिषियों ने 14 तारीख को अशुभ माना था और नेहरू से आधी रात तक रुकने को कहा था. अगस्त में ही ओणम, रक्षाबंधन और पारसी नव वर्ष होता है, जिसे मुख्य रूप से मुंबई और गुजरात में मनाया जाता है. सितंबर में कृष्ण जन्माष्टमी का आयोजन होता है. इसी महीने ईद-उल-फितर और गणोश चतुर्थी भी होती है, जिस दिन हम विघ्नविनाशक की पूजा करते हैं. यह नया त्योहार है, जिसे 1890 के दशक में बालगंगाधर तिलक ने लोकप्रिय बनाया था.
अक्तूबर में गांधी जयंती और दशहरे का उत्सव होता है.नवंबर में अंधेरे पर प्रकाश की जीत के सबसे बड़े हिंदू त्योहार दिवाली पर चूंकि लोग खूब पटाखे जलाते हैं, यह मौन पर शोर-शराबे की जीत का भी उत्सव है. इसी महीने बकरीद (इसे बाकी ईदों से मैं अधिक पसंद करता हूं, क्योंकि इस दिन मुङो बिरयानी भेजी जाती है) और गुरु नानक जयंती मनाते हैं. उस दिन सिख अपने धर्म के संस्थापक को याद करते हैं.
पांचवें महान सिख गुरु अजरुनदास का अंतिम संस्कार लाहौर में किया गया था और उनका गुरुद्वारा अल्लामा इकबाल के छोटे, पर शानदार मकबरे के पास स्थित है. इस्लामाबाद के मेरे एक परिचित की शादी एक भारतीय लड़की से हुई है और उनके बेटे का नाम अजरुन है. हालांकि, वहां मुसलिमों का गुरुद्वारे में प्रवेश वजिर्त है, पर हम चारों साथ गुरुद्वारे गये थे और पुजारियों ने बच्चे को खूब दुलार किया था.
दिसंबर में क्रिसमस होता है. ये सब महज आधिकारिक सरकारी छुट्टियां हैं. हमारे यहां अनेक स्थानीय उत्सव होते हैं, जैसे- गुजरात में नवरात्र और बंगाल में चार दिन की दूर्गा पूजा.
हम धार्मिक लोग हैं और यह हमारे जीवन में भी परिलक्षित होता है. हम लगातार ईश्वर का ध्यान खींचने की कोशिश में लगे रहते हैं, हालांकि, हम- अद्वैत की हिंदू मान्यता और वहदत अल-वजूद की सूफी समझ- उसके हर जगह होने में आस्था का दावा करते हैं.