असफल है फसल बीमा योजना
भारत में किसानों की बढ़ती आत्महत्याएं चर्चा और चिंता का विषय हैं. वर्ष 2010 के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार आत्महत्याओं की संख्या आधिकारिक रूप से ढाई लाख के ऊपर पहुंच गयी है. देश में किसानों की बढ़ती आत्महत्याएं फसल बीमा योजना की असफलता की खुली घोषणा है. किसानों की आत्महत्या की […]
भारत में किसानों की बढ़ती आत्महत्याएं चर्चा और चिंता का विषय हैं. वर्ष 2010 के राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़े के अनुसार आत्महत्याओं की संख्या आधिकारिक रूप से ढाई लाख के ऊपर पहुंच गयी है. देश में किसानों की बढ़ती आत्महत्याएं फसल बीमा योजना की असफलता की खुली घोषणा है.
किसानों की आत्महत्या की प्रमुख वजहें खराब मानसून, कर्ज का बढ़ता बोझ, कम पैदावार, फसलों की कम कीमत, भू-जल का गिरता स्तर प्रतिकूल आर्थिक नीतियां जैसे टैक्स, गैर कृषि ऋण और आयात-निर्यात की गड़बड़ कीमतें भी हैं. महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके में किसान आत्महत्याओं का मुद्दा गंभीर हो चुका है. सरकारी आंकड़े बताते हैं कि यहां औसतन रोज तीन किसान आत्महत्या कर रहे हैं. किसानों की सम्मानजनक जिंदगी सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी है?
पूनम गुप्ता, मधुपुर