विरोध का पड़ा सीधा असर!

उम्मीद से बहुत ज्यादा सीटें आने से आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं में घमंड आना स्वाभाविक था और यही हुआ. उनके दिमाग आसमान पर चढ़ गये थे, मगर पार्टी के भीतर उठे विरोध के स्वरों ने उनकी अक्ल ठिकाने लगा दी है. इसकी वजह से सही रास्ते पर आकर केजरीवाल ने दिल्ली नगरपालिका के सफाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 9, 2015 3:04 AM
उम्मीद से बहुत ज्यादा सीटें आने से आम आदमी पार्टी (आप) नेताओं में घमंड आना स्वाभाविक था और यही हुआ. उनके दिमाग आसमान पर चढ़ गये थे, मगर पार्टी के भीतर उठे विरोध के स्वरों ने उनकी अक्ल ठिकाने लगा दी है.
इसकी वजह से सही रास्ते पर आकर केजरीवाल ने दिल्ली नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों को वेतन देने की बात मानते हुए, मजदूरों को न्यूनतम वेतन 9048 रुपये और शहीद को एक करोड़ रुपये मुआवजे के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की भी घोषणा की है. यह सही है कि बिना दबाव के रस नहीं निकलता और बिना सही विपक्ष के लोग और पार्टियां तानाशाह होने लगती हैं. इसीलिए सशक्त विपक्ष बहुत जरूरी होता है. आशा है केंद्र में मोदी और दिल्ली में केजरीवाल अब ज्यादा ड्रामेबाजी न करके जनता की आकांक्षाओं पर खरे उतरेंगे.
वेद मामूरपुर, दिल्ली

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