युवाओं के बूते ही होगा देश का उत्थान
भारत युवाओं और किसानों का देश है. विश्व के देशों में भारत ही एक ऐसा देश है, जहां युवाओं की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक है. मनुष्य अगर युवा अवस्था में कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकता, तो वह शायद जीवन में कभी भी कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर सकता. यह दुख की […]
भारत युवाओं और किसानों का देश है. विश्व के देशों में भारत ही एक ऐसा देश है, जहां युवाओं की संख्या अन्य देशों की तुलना में अधिक है. मनुष्य अगर युवा अवस्था में कोई बड़ा कार्य नहीं कर सकता, तो वह शायद जीवन में कभी भी कोई महत्वपूर्ण कार्य नहीं कर सकता.
यह दुख की बात है कि आज के युवाओं को उनकी शक्ति का एहसास ही नहीं है. न उनमें कोई आदर्श है और न नैतिकता और कोई सिद्धांत. यह धीरे-धीरे विलुप्त होता जा रहा है. युवा नशे की लत को पकड़ कर खुद को खोखला करता जा रहा है. वह बुरी आदतों को अपना कर जीवन के लक्ष्यों से भटक कर खुद को बर्बाद कर रहा है. देश में कई ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं, जिससे आज की युवा पीढ़ी कलंकित होती जा रही है. साथ ही, देश का समाज भी युवाओं के दिशाहीन होते ही लक्ष्य से भटक कर दिशाहीन होता जा रहा है.
यदि आज भी देश का युवा वर्ग खुद को संभाल ले, तो भारत तरक्की की राह पर अग्रसर हो सकता है. भारत के युवाओं में देश और समाज के उत्थान की ताकत है, लेकिन वह अपनी ताकत को पहचान नहीं पा रहा है. देश को सही दिशा में ले जाने के लिए युवाओं को जागना होगा.
उसे अपनी तमाम ताकतों को एकत्र कर विकास की राह पर हर हाल में आगे बढ़ना ही होगा. युवाओं को अपने जीवन में तीन महत्वपूर्ण मंत्र देश चरित्र और आजीविका को अपनाना होगा. इसमें न सिर्फ किसी व्यक्ति विशेष का बल्कि समग्र देश के निवासियों का कल्याण निहित है. आज अगर तकनीकी विकास में जापान दुनिया में नंबर वन है, तो उसके पीछे वहां के युवा पीढ़ी का योगदान अहम है. वह समाज को नये मार्ग पर चला कर एक नयी दिशा में ले जाने की क्षमता रखता है.
भोलानाथ भक्त, जादूगोड़ा