11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मैं मानगो पुल हूं मुङो बदनाम न करो

विनय त्रिवेदी प्रभात खबर, जमशेदपुर मैं मानगो पुल हूं. जमशेदपुर के कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह. सुहानी सुबह और रूमानी शाम में कई प्रेमी युगल यहां टहलते हैं. यहां खड़े होकर नीचे कलकल की ध्वनि के साथ बहती स्वर्णरेखा को देखा करते हैं. ताजी हवा का झोंका उन्हें नयी ऊर्जा से भर देता है. मैं […]

विनय त्रिवेदी

प्रभात खबर, जमशेदपुर

मैं मानगो पुल हूं. जमशेदपुर के कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह. सुहानी सुबह और रूमानी शाम में कई प्रेमी युगल यहां टहलते हैं. यहां खड़े होकर नीचे कलकल की ध्वनि के साथ बहती स्वर्णरेखा को देखा करते हैं. ताजी हवा का झोंका उन्हें नयी ऊर्जा से भर देता है. मैं मन ही मन बहुत खुश होता हूं.

लेकिन, जब कभी कोई निराश-हताश शख्स लड़खड़ाते-बहकते कदम से मेरी ओर बढ़ता है तो मैं कांप जाता हूं, सहम जाता हूं कि शायद आज फिर मुङो बदनाम किया जायेगा, कल फिर अखबारों के पन्नों में मोटे-मोटे अक्षरों में लिखा जायेगा ‘मानगो पुल से कूद कर एक और ने की आत्महत्या’. आये दिन होनेवाली इन घटनाओं से मैं परेशान हो गया हूं. अब तो मुङो अपने आपसे भी घृणा होने लगी है.

मेरे ऊपर से प्रतिदिन हर प्रकार के अनगिनत वाहन गुजरते हैं, मैं ‘उफ’ तक नहीं करता. अच्छे-बुरे हर प्रकार के लोग गुजरते हैं, मुङो कभी बुरा नहीं लगता. मुझ पर और न जाने कितने प्रकार से, कितनी तरह की ज्यादतियां की जाती हैं, मैं कभी कुछ नहीं कहता. मैं तो कहता हूं -चाहे जितना भी तुम कर लो सितम, हंस-हंसके सहेंगे हम. ये प्यार न होगा कम, सनम तेरी कसम.. पर प्लीज! मुङो ‘सुसाइड प्वाइंट’ न बनाओ. मुङो अच्छे लगते हैं जाते हुए लोग. कुछ लोग अपनी मंजिल की तरफ जा रहे होते हैं और कुछ मंजिल की तलाश में.

उम्मीदों से भरे, खुशियों की खोज में. कोई अपनों से दूर तो कोई अपनों के पास. मुङो अच्छे लगते हैं स्कूल से घर लौट रहे बच्चे, दिनभर की थकान के बाद घर लौट रहे कामकाजी लोग. दुर्गापूजा, छठ, रामनवमी, ईद, क्रिसमस, गुरु पर्व और सरहुल के मौकों पर त्योहारी मूड में नाचते-गाते और उत्सव मनाते लोग. यह सब देख कर मुङो बड़ा ही आनंद आता है, मेरा मन भी नाचने को करता है. गाड़ियों के हॉर्न भी तब मुङो अच्छे लगने लगते हैं. अब तो मैं राजनीतिक पार्टियों और संगठनों की निगाह में भी चढ़ गया हूं.

लोग मुङो कैद करने के लाखों जतन कर रहे हैं. मेरे ऊपर लोहे की जाली लगवाने के लिए आला अधिकारियों से सिफारिश कर रहे हैं. मैंने तो यह सपने में भी नहीं सोचा था. उन्हें लगता है कि मुङो कैद करने से, मेरे ऊपर जाली लगाने से आत्महत्याएं रुक जायेंगी, लोग यहां से नहीं कूदेंगे, तो यही सही. कम से कम मैं रोज-रोज के तानों से तो बच जाऊंगा. लगा दो जाली, ढक दो मुङो. मुङो सिर्फ ट्रकों के टायरों से ही प्यार है. पता नहीं क्यों लोग आत्महत्या करते हैं?

जिंदगी इतनी खूबसूरत है इसको जीने की बजाय क्यों खत्म कर देते हैं? जब लोग यहां से कूद कर अपना जीवन त्यागते हैं तो मैं कुंठा से भर जाता हूं, बड़ी ग्लानि होती हैं मुङो. मैं सुसाइड प्वाइंट नहीं बनना चाहता. मैं तो बस इस शहर के लोगों से यही कहना चाहता हूं- जिंदगी का हर पल कीमती है, हर पल जीना चाहिए, संघर्ष तो जिंदगी का ही दूसरा नाम है, पता नहीं कब जिंदगी कोई हसीन पल दिखा दे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें