दोहरा मानदंड अपना रहे हैं मोदी
आये दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सक्षम लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की गुजारिश कर रहे हैं. मेरा सवाल है कि संसद में सस्ता भोजन करनेवाले संसद और अन्य माननीय सक्षम नहीं हैं क्या? मंत्रियों को अकेले गैस की ही नहीं, पता नहीं कितनी चीजों पर सब्सिडी और विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं. […]
आये दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सक्षम लोगों से गैस सब्सिडी छोड़ने की गुजारिश कर रहे हैं. मेरा सवाल है कि संसद में सस्ता भोजन करनेवाले संसद और अन्य माननीय सक्षम नहीं हैं क्या?
मंत्रियों को अकेले गैस की ही नहीं, पता नहीं कितनी चीजों पर सब्सिडी और विभिन्न प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं. पहले वे उन सुविधाओं और सब्सिडी का त्याग क्यों नहीं करते? देश की जनता जहां चार महीने पहले रिजर्वेशन करवा कर रेल में सफर करने की योजना बनाती है, तो माननीयों को न जाने कितने प्रकार के आरक्षण झट से मिल जाते हैं.
सरकारी नौकरियों में क्लर्क की नौकरी के लिए तो विभिन्न प्रकार की योग्यताएं देखी जाती हैं, लेकिन संसद सदस्य एक अंगूठाछाप भी बन जाता है. यह समझ से परे है कि आखिर मोदी साहब दोहरा मानदंड क्यों अपना रहे हैं?
डॉ अनीता शर्मा, जमशेदपुर