22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

म्यांमार सीमा विवाद का हल जरूरी

।।म्यांमार की सेना की घुसपैठ।।जम्मू-कश्मीर में सीमा-पार से पाकिस्तानी सैनिकों की घुसपैठ और लद्दाख व अरुणाचल में चीनी सैनिकों का अतिक्रमण जानी हुई बात है. लेकिन भारतीय सीमा के अतिक्रमण की कहानी में अब म्यांमार (बर्मा) का नाम भी शामिल हो गया है. बीते दिनों मणिपुर में चंदेल जिले के मोरेह कस्बे के नजदीक म्यांमार […]

।।म्यांमार की सेना की घुसपैठ।।
जम्मू-कश्मीर में सीमा-पार से पाकिस्तानी सैनिकों की घुसपैठ और लद्दाख व अरुणाचल में चीनी सैनिकों का अतिक्रमण जानी हुई बात है. लेकिन भारतीय सीमा के अतिक्रमण की कहानी में अब म्यांमार (बर्मा) का नाम भी शामिल हो गया है. बीते दिनों मणिपुर में चंदेल जिले के मोरेह कस्बे के नजदीक म्यांमार के सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुसे और होलेनफई गांव में बाड़बंदी शुरू कर दी. तर्क दिया कि यह इलाका म्यांमार का है और म्यांमार के फील्ड कमांडर को उच्चाधिकारियों से विशेष निर्देश मिलने पर ही बाड़बंदी का काम रुकेगा.

मणिपुर के मुख्यमंत्री की सतर्कता से केंद्र सरकार हरकत में आयी. अब केंद्र का आधिकारिक तौर पर कहना है कि बाड़बंदी का काम रुक गया है, पर यह भी कहा गया है कि म्यांमार की सेना बाड़बंदी का काम भारतीय सीमा के भीतर नहीं, अपने इलाके में कर रही थी. यह एक भटकानेवाली बात लगती है. अगर बाड़बंदी का काम म्यांमार की सीमा के भीतर हो रहा होता तो मणिपुर के मुख्यमंत्री केंद्र को सतर्क क्यों करते और भारत सरकार म्यांमार से बात कर मसले का हल निकालने के लिए संयुक्त कार्यकारी समूह बनाने की पहल क्यों करती? पाकिस्तान और चीन की तरह म्यांमार के साथ भारत का सीमा-विवाद भी ब्रिटिश-राज की देन है. जिस क्षेत्र में म्यांमार के सैनिकों के घुसपैठ की बात उठी है, उस क्षेत्र में सीमारेखा सुस्पष्ट नहीं है. सीमारेखा को ठीक-ठीक परिभाषित करने के लिए जरूरी वार्ताओं का राजनीतिक माहौल फिलहाल म्यांमार में है.

म्यांमार लोकतंत्र की राह पर बढ़ रहा है और भारत के साथ आर्थिक व सैन्य मोरचे पर उसका सहयोग लगातार बढ़ा है. 2008 में भारत सरकार ने मानवाधिकार हनन का मुद्दा उठा कर म्यांमार को दी जानेवाली कुछ मदद रोकी थी, पर दूरसंचार, गैस व तेल की खोज, सूचना प्रौद्योगिकी, पनबिजली, बंदरगाह के निर्माण आदि में भारत और म्यांमार के बीच आर्थिक रिश्ते मजबूत हैं. इलाके में चीन के सैन्य व आर्थिक प्रभुत्व को रोके रखने के लिहाज से भी म्यांमार भारत के लिए महत्वपूर्ण है. भारत म्यांमार के सहयोग से इलाके में अपनी आर्थिक मौजूदगी मजबूत कर सकता है. भारत सरकार की योजना हो ची मिन्ह शहर से कोलकाता को जोड़ने की है. इसके लिए रास्ता म्यांमार से होकर कंबोडिया और फिर वियतनाम तक पहुंचेगा. इसके पहले चरण का काम जारी है. इसलिए दक्षिण-पूर्व एशिया में भारत की पहुंच और पूर्वोत्तर के राज्यों में शांति बहाल रखने में म्यांमार के महत्व को देखते हुए भारत सरकार को समय रहते उसके साथ सीमा-विवाद का स्थायी हल निकाल लेना चाहिए.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें