शिक्षा व्यवस्था में असमानता

मैकाले ने अंगरेजी शासन कायम रखने के लिए देश में नयी शिक्षा नीति बनायी थी. आजादी के बाद भी व्यावसायिक शिक्षा के नाम पर मैकाले द्वारा बनायी गयी शिक्षा नीति का ही अनुसरण किया जा रहा है. सरकार की इस शिक्षा नीति से समाज में असमानता बढ़ रही है. अमीर अच्छी शिक्षा प्राप्त कर आर्थिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 17, 2015 5:42 AM
मैकाले ने अंगरेजी शासन कायम रखने के लिए देश में नयी शिक्षा नीति बनायी थी. आजादी के बाद भी व्यावसायिक शिक्षा के नाम पर मैकाले द्वारा बनायी गयी शिक्षा नीति का ही अनुसरण किया जा रहा है.
सरकार की इस शिक्षा नीति से समाज में असमानता बढ़ रही है. अमीर अच्छी शिक्षा प्राप्त कर आर्थिक तौर पर मजबूत होते जा रहे हैं और गरीबों को सरकारी स्कूलों में भी जगह नसीब नहीं है. शिक्षा का मतलब सिर्फ लोगों को साक्षर बनाना ही नहीं है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में उपयोग हो.
शिक्षा का प्रयोग समाज को बांटने के लिए नहीं, बल्कि व्यक्ति के स्वतंत्र विकास के लिए होना चाहिए. आज सरकारी स्कूलों में मुफ्त में किताबें दी जाती हैं, फिर भी वहां बच्चों की संख्या कम है और निजी स्कूलों में मोटे दाम वसूले जाते हैं, फिर भी संख्या ज्यादा है. आखिर क्यों? क्योंकि शिक्षा व्यवस्था में असमानता है.
गणोश प्रसाद सिंह, शहरजोरी, देवघर

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