न्यायपालिका का सराहनीय कदम

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आइटी कानून की धारा 66 ए को निरस्त कर मुझ जैसे लोगों को साहस प्रदान किया है. तभी तो मुङो महसूस हो रहा है कि झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को आईना दिखाते हुए शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को छह महीने के अल्टीमेटम के साथ पूरा करने का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2015 5:29 AM

माननीय सुप्रीम कोर्ट ने आइटी कानून की धारा 66 ए को निरस्त कर मुझ जैसे लोगों को साहस प्रदान किया है. तभी तो मुङो महसूस हो रहा है कि झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को आईना दिखाते हुए शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया को छह महीने के अल्टीमेटम के साथ पूरा करने का आदेश दिया है.

देर से ही सही, लेकिन किसी को झारखंड के बेरोजगारों का दर्द तो समझ में आया. सरकार की भेड़चाल का ज्ञान तो हो गया. हमें तो आदत सी पड़ गयी है, क्योंकि हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है. हम जैसे बेरोजगारों को तो इनकी मनमानी सहने की आदत सी हो गयी है, लेकिन जिनके पास विकल्प हैं, वे दूसरे क्षेत्रों में अपना भाग्य आजमा रहे हैं. सरकार यदि चार साल पहले ही यह कदम उठा लेती, तो आज कम से कम 8000 बेरोजगारों को रोजगार मिल गया होता. हम कोर्ट के शुक्रगुजार हैं.

राजेश कुमार सिन्हा, रोहिणी, देवघर

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