राज्यों में शिक्षक के पद के लिए कई स्थान रिक्त हैं, जिसकी पूर्ति करके राज्य सरकारें बहुत हद तक युवाओं की बेरोजगारी को दूर कर सकती है. कुछ राज्य सरकारों ने इस दिशा में सार्थक कदम उठाया है, लेकिन कुछ राज्य सरकारें शिक्षक नियुक्ति पर अपने राजनीतिक स्वार्थ हेतु युवाओं को धोखा दे रही है, उनका मनोबल तोड़ रही है. उन्हें निराशा की ओर धकेल रही है.
इसका सबसे अच्छा उदाहरण बिहार और झारखंड सरकार द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा है. बिहार में वोट के लिए मैट्रिक और इंटर मे सफल उम्मीदवारों को शिक्षक बनाया जा रहा है. किसकी नियुक्ति होनेवाली है, कुछ प्रकाशित नहीं किया जा रहा है. जब पात्रता परीक्षा का परिणाम प्रकाशित हुआ था तो शिक्षा मंत्री जी ने कहा था कि जितने उम्मीदवार सफल हुए हैं, उनकी नियुक्ति निश्चित है. लेकिन आज तक बहुत से उम्मीदवार नियुक्ति से वंचित हैं. अभी हाल ही में झारखंड में शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम घोषित हुआ. सफल बेरोजगार उम्मीदवारों की खुशी का ठिकाना न रहा होगा. लेकिन ऐसा लग रहा है कि यह भी राजनीति की भेंट चढ़ जायेगा.
विकास ओझा,जमशेदपुर