कोई बीच का रास्ता निकाले सरकार
नेट-निरपेक्षता पर देश में जोरदार बहस शुरू है. इस पर उपभोक्ता भी लामबंद हो रहे हैं. बहस ऑनलाइन छिड़ी है. आम लोगों के साथ ही बॉलीवुड अभिनेता और राजनेता भी इसमें बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं. सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है. देश में चल रही जोरदार बहस के बीच हम […]
नेट-निरपेक्षता पर देश में जोरदार बहस शुरू है. इस पर उपभोक्ता भी लामबंद हो रहे हैं. बहस ऑनलाइन छिड़ी है. आम लोगों के साथ ही बॉलीवुड अभिनेता और राजनेता भी इसमें बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं.
सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है. देश में चल रही जोरदार बहस के बीच हम सिर्फ इतना ही कहना चाहेंगे कि हमें नेट-निरपेक्षता को महत्व देना होगा. हमें इसका समर्थन करना होगा. देश की सभी टेलीकॉम कंपनियों का बिना उनकी सेवा और आकार को देखे इसे लागू किया जाना चाहिए. इसमें यह भी ध्यान देना होगा कि किसी का शोषण ना हो.
यदि उपभोक्ताओं का शोषण होता है, तो कंपनियों को लाभ मिलेगा और यदि कंपनियों पर दबाव बनाया जाता है, तो उपभोक्तओं को सेवाएं सुलभ तरीके से नहीं मिल पायेंगी. इसलिए सरकार को बीच का रास्ता निकालना होगा.
पूनम गुप्ता, मधुपुर