झुमरा पहाड़ पर बने मॉडल स्कूल

झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में चार-चार मॉडल स्कूल बनाने की घोषणा की है, जो जन अपेक्षाओं के अनुरूप व राज्य के किसी मुख्यमंत्री द्वारा उठाये गये बच्चों के हित में सराहनीय कदम है. इसकी प्रशंसा तो होनी ही चाहिए, बशर्ते कि इसका लाभ सुदूर इलाके में बसनेवाले लोगों तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2015 5:35 AM
झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में चार-चार मॉडल स्कूल बनाने की घोषणा की है, जो जन अपेक्षाओं के अनुरूप व राज्य के किसी मुख्यमंत्री द्वारा उठाये गये बच्चों के हित में सराहनीय कदम है.
इसकी प्रशंसा तो होनी ही चाहिए, बशर्ते कि इसका लाभ सुदूर इलाके में बसनेवाले लोगों तक पहुंचे. चूंकि शहरी क्षेत्र में पूर्व से ही कई मॉडल स्कूल हैं. चाहे वह सरकार अथवा निजी हों, इसका लाभ शहरी बाशिंदों को मिल रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग शिक्षा में मामले में आज भी पिछड़े हुए हैं. इसलिए सरकार को इस ओर अपने मजबूत इरादे के साथ ध्यान देने की जरूरत है.
यदि देहाती क्षेत्र में उपयुक्त स्थल का चयन कर आवश्यकता के अनुसार मॉडल स्कूल बने, तो शायद अध्ययनरत विद्यार्थियों का शहरों की ओर पलायन रुक जायेगा. लोग बंदूक उठाने से परहेज करेंगे, यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी.
मैं इस संदर्भ में मुख्यमंत्री का ध्यान उग्रवाद प्रभावित झुमरा पहाड़ की ओर आकर्षित करना चाहता हूं कि यह एक रमणीक और सौंदर्य से परिपूर्ण स्थल है, जहां का वातावरण स्वच्छ, शुद्ध व मनोरम है. इस पहाड़ को झारखंड का मिनी कश्मीर कहा जाये, तो अनुचित नहीं होगा. फर्क केवल इतना है कि कश्मीर में सीमपार के आतंकवादियों का जोर है, तो यहां पर उग्रवादियों का शोर है.
इसकी गूंज भी दिल्ली तक सुनायी देती है. इसलिए इच्छाशक्ति के साथ यदि सरकार को मॉडल स्कूल बनाने की सार्थकता साबित करनी है, तो बोकारो जिले में गोमिया प्रखंड के झुमरा पहाड़ पर एक मॉडल स्कूल बनाना चाहिए, क्योंकि इसके इर्द-गिर्द 50 हजार से अधिक आबादी निवास करती है और यहां के बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं.
बैजनाथ प्रसाद महतो, बोकारो

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