निवेशकों का भरोसा अब टूटने न पाये

खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए झारखंड में निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया गया था. देश की कई बड़ी कंपनियां इसमें आयीं और उन्होंने झारखंड में पूंजी निवेश करने का वादा किया. कई ने इसके लिए एमओयू तक किया. काम कितना होगा, यह तो बाद में दिखेगा, लेकिन इतने निवेशकों का झारखंड आना और वादा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2015 5:36 AM

खाद्य प्रसंस्करण इकाई लगाने के लिए झारखंड में निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया गया था. देश की कई बड़ी कंपनियां इसमें आयीं और उन्होंने झारखंड में पूंजी निवेश करने का वादा किया.

कई ने इसके लिए एमओयू तक किया. काम कितना होगा, यह तो बाद में दिखेगा, लेकिन इतने निवेशकों का झारखंड आना और वादा करना राज्य के लिए शुभ है. यह इस बात का संकेत है कि झारखंड बदल रहा है. यहां का माहौल बेहतर हुआ है. राज्य के बारे में देश भर में जो नकारात्मक छवि बनी थी, अब वह सुधर रही है. रघुवर दास सरकार ने भी यह संदेश देने के प्रयास किया है कि सरकार कुछ करना चाहती है.

उद्योग लगाने के लिए लोग आये आयें, उन्हें हर सुविधा दी जायेगी. झारखंड में उद्योग के लिए बड़ी समस्या जमीन की रही है. इस बार सरकार ने पहले से कुछ जमीन को चिह्न्ति किया था, जो वह निवेशकों को आवंटित सकती है. यह भूमि झारखंड के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में है. अब यह निवेशकों पर निर्भर करता है कि वे किस जमीन का चयन करते हैं. सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि अब कोई भी उद्योग लगाने में किसी को परेशानी नहीं होगी.

फाइल फंसी नहीं रहेगी. तेजी से निर्णय होंगे और हर संभव सुविधा भी दी जायेगी. इस निवेशक सम्मेलन से देश में यह संदेश चला गया है कि झारखंड में निवेश करना लाभकारी होगा. माहौल अनुकूल है. इससे कई फायदे होंगे. झारखंड में किसानों को लाभ होगा. यहां की सब्जियां बाहर जाती हैं. बड़ी मात्र में खेतों में सब्जियां खराब हो जाती हैं, उनके लिए ग्राहक नहीं मिलते. जो मिलते भी हैं, वे किसानों को उचित पैसा नहीं देते.

अब अगर झारखंड में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां लगने लगें, तो किसानों को न सिर्फ अच्छा पैसा मिलेगा, बल्कि रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. कई कोल्ड स्टोर बनने की संभावना बढ़ी है. इन सब का लाभ किसानों को मिलेगा.

अब इन चीजों को जमीन पर जितना जल्द उतारा जाये, जो कमियां हैं वो जितनी जल्द दूर की जायें, राज्य के हित में होगा. सरकार ने अफसरों को संदेश भी दिया है कि अब काम करना होगा, नतीजा देना होगा. निवेशकों ने वादा तो कर दिया है, अब वे जब काम करने आयें तो उन्हें परेशानी न हो, बेहतर से बेहतर माहौल मिले तो इसका नतीजा जरूर दिखेगा.

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