कर्ज में डूबते जा रहे किसान
आज भारत में किसानों की हालत देख कर लगता है कि जैसे इस देश में उनका कोई महत्व ही नहीं. हमने दिन-प्रतिदिन समाज में किसानों का कद छोटा कर दिया है.उसके प्रति इस देश के राजनेताओं और उच्च वर्ग का जो हीन रवैया है उसकी कोई हद नहीं, ऐसा लगता है मानो इस देश में […]
आज भारत में किसानों की हालत देख कर लगता है कि जैसे इस देश में उनका कोई महत्व ही नहीं. हमने दिन-प्रतिदिन समाज में किसानों का कद छोटा कर दिया है.उसके प्रति इस देश के राजनेताओं और उच्च वर्ग का जो हीन रवैया है उसकी कोई हद नहीं, ऐसा लगता है मानो इस देश में किसान होना गुनाह करने के बराबर है. सच पूछिए तो इस देश के लोगों को अपने पेट से ज्यादा बाहरी चकाचौंध की चिंता होती है. इसलिए शायद किसानों की यह हालत है.
आज किसान मर रहा है, पर उसे देखने वाला कोई नहीं. न सरकार को इसकी चिंता है और न किसी और को. बारिश और ओलावृष्टि से फसल बरबाद हो गयी. कृषि विभाग के अनुसार केवल देवघर जिले में ही 35-40 फीसदी तक सब्जियों का नुकसान हुआ है. इस नुकसान की वजह से किसान कर्ज मे डूबते जा रहे हैं.
विवेकानंद विमल, देवघर