अभिव्यक्ति के अधिकार पर हमला

लगता है कि इस देश के लोकतंत्र में ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के प्रावधान को हटा दिया गया है. तभी तो लेखिका शोभा डे जब ट्वीट करती हैं कि ‘महाराष्ट्र सरकार का ये नियम गलत है जिसमें तमाम सिनेमाघरों को ये आदेश दिया गया कि शाम 6 से रात 10 बजे तक केवल मराठी फिल्म ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 1, 2015 5:13 AM
लगता है कि इस देश के लोकतंत्र में ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ के प्रावधान को हटा दिया गया है. तभी तो लेखिका शोभा डे जब ट्वीट करती हैं कि ‘महाराष्ट्र सरकार का ये नियम गलत है जिसमें तमाम सिनेमाघरों को ये आदेश दिया गया कि शाम 6 से रात 10 बजे तक केवल मराठी फिल्म ही दिखलायी जायेगी.’
बस शिव सेना के द्वारा, शोभा डे के खिलाफ, विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेज दिया गया. ये तो भला हो सर्वोच्च न्यायालय का जिसने पिछले मंगलवार को इसके खिलाफ स्थगन आदेश दे दिया. दुनियाभर में हम डुगडुगी बजाते नहीं थकते कि हम सबसे बड़े लोकतंत्र हैं.
हमारे नागरिकों को तमाम अधिकार दिये गये हैं, बोलने, लिखने, आलोचना, समालोचना करने के. फिर अगर हम किसी सरकारी आदेश की आलोचना कर दें तो क्या हम पर मुकदमा चलना चाहिए?
जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी

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