नारी को इंसाफ नहीं मिलता

हम किस समाज में रहते हैं और किस समाज की बात करते हैं? हमारे समाज में एक ऐसा नासूर है, जो हमारी आत्मा को ही झकझोर कर रख दे रहा है. हमारे समाज में विकृत सोच के लोग नारियों को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं. ऐसे लोग पीड़ित महिलाओं की आत्मा और शरीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 15, 2015 5:29 AM
हम किस समाज में रहते हैं और किस समाज की बात करते हैं? हमारे समाज में एक ऐसा नासूर है, जो हमारी आत्मा को ही झकझोर कर रख दे रहा है. हमारे समाज में विकृत सोच के लोग नारियों को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं.
ऐसे लोग पीड़ित महिलाओं की आत्मा और शरीर दोनों की मर्यादा को लांघ रहे हैं. अगर हम इस लिहाज से सोचें, तो पाते हैं कि हमारा समाज इस अपराध को रोकने के लिए जरूरी सक्रियता की दिशा में खरा नहीं उतर पा रहा है.
यह सही है कि नैतिकता के नाते हमारा समाज सशक्त है, लेकिन इस बिंदु पर पहुंच कर उसकी नैतिकता ही गायब हो जाती है और हवस की शिकार पीड़िता को सामाजिक तौर पर न्याय नहीं मिल पाता है. कानून से भी इंसाफ मिल पाना इस देश में आसान नहीं है. बरसों तक चलने वाले मुकदमों में इंसाफ दम तोड़ देता है.
एक पाठक

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