न्याय दिलाने में दिक्कत ही क्या है?

28 सितंबर, 2022 को मुंबई के बांद्रा में अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे लोगों के ऊपर लैंड क्रूजर के चढ़ने से एक व्यक्ति की मौत हो जाती है और चार घायल हो जाते हैं. घटना के 13 साल बाद फैसला आता है. फैसला आने पर सलमान खान के बचाव में पूरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 20, 2015 2:29 AM

28 सितंबर, 2022 को मुंबई के बांद्रा में अमेरिकन एक्सप्रेस बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे लोगों के ऊपर लैंड क्रूजर के चढ़ने से एक व्यक्ति की मौत हो जाती है और चार घायल हो जाते हैं.

घटना के 13 साल बाद फैसला आता है. फैसला आने पर सलमान खान के बचाव में पूरा बॉलीवुड उतर पड़ता है और फिर फुटपाथ पर सोनेवालों की तुलना जानवरों से की जाने लगती है.

इस बीच सवाल यह है कि यदि हम दूसरों की मदद नहीं कर सकते और उनके दुखों में शामिल नहीं होते, तो उनका अपमान करने का अधिकार कैसे है? वैसे भी हमारे देश में लोगों को देर से ही न्याय मिलता है.

कारण कि यहां पहले से ही अदालतों में इतने अधिक मामले लंबित हैं कि उनकी सुनवाई पूरी होने में ही सालों गुजर जाते हैं. ऐसे में यदि किसी गरीब को न्याय मिल रहा है, तो लोगों को दिक्कत क्यों हो रही है? मनोज केरकेट्टा, रांची

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