ऑफ सीजन में क्रिकेटरों की मौज
अभी तक तो सुना करता था कि नये-पुराने सामानों की नीलामी होती है, लेकिन भारत में जब से आइपीएल-टी20 क्रिकेट शुरू हुआ है, देश-विदेश के खिलाड़ियों को लाखों-करोड़ों में बोली लगा कर खरीदा जा रहा है. खिलाड़ी सरेआम बिक रहे हैं. आइपीएल में खेल रही टीमों में विदेशी खिलाड़ियों के साथ फिजियो, कोच, सलाहकार, बॉलिंग, […]
अभी तक तो सुना करता था कि नये-पुराने सामानों की नीलामी होती है, लेकिन भारत में जब से आइपीएल-टी20 क्रिकेट शुरू हुआ है, देश-विदेश के खिलाड़ियों को लाखों-करोड़ों में बोली लगा कर खरीदा जा रहा है.
खिलाड़ी सरेआम बिक रहे हैं. आइपीएल में खेल रही टीमों में विदेशी खिलाड़ियों के साथ फिजियो, कोच, सलाहकार, बॉलिंग, बैटिंग, फील्डिंग के बस अलग-अलग कोच. अलग-अलग टीमों के विदेशी चीयर लीडर्स और उनके खर्च भी करोड़ों में. जिन्हें अपने-अपने देश की टीमों में जगह नहीं मिलती है, वे करोड़ों लेकर आपीएल में खेलते हैं.
देशी-विदेशी खिलाड़ी ऑफ सीजन में करोड़ों रुपये वसूल कर मौज-मस्ती कर रहे हैं. भारत जैसे गरीब देश में रुपया पानी की तरह बहाया जा रहा है. यदि इन पैसों को गरीबों में बांट दिया जाता, तो देश से गरीबी दूर होती या नहीं?
किशन अग्रवाल, रांची