मुख्यमंत्री रघुवर दास जी से एक अपील
संपादक महोदय, मैं आपके सम्मानित समाचार पत्र प्रभात खबर के माध्यम से मुख्यमंत्री रघुवर दास जी का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूं कि जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 1932 का खतियान अनिवार्य क्यों? भारत में झारखंड की एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर इतने दुर्भावनापूर्ण नियम हैं. आप झारखंड के छात्रों को […]
संपादक महोदय, मैं आपके सम्मानित समाचार पत्र प्रभात खबर के माध्यम से मुख्यमंत्री रघुवर दास जी का ध्यान इस ओर आकृष्ट करना चाहता हूं कि जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 1932 का खतियान अनिवार्य क्यों? भारत में झारखंड की एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर इतने दुर्भावनापूर्ण नियम हैं.
आप झारखंड के छात्रों को भारत सरकार की नौकरियों में जाने से रोक रहे हैं. आप झारखंड में रोजगार नहीं दे रहे हैं. साथ ही यहां के नौजवानों को केंद्रीय नौकरियों जाने से रोक रहे हैं अलग से?
महोदय, आपसे निवेदन है कि जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए 1932 के खतियान की अनिवार्यता को समाप्त करें. महोदय, आपको बता दें, हाइकोर्ट ने वर्ष 2002 में खतियान की अनिवार्यता को समाप्त कर दी थी. इसके बावजूद यह नियम अब भी लागू है. अत: निवेदन है कि इस नियम को बदलने की कृपा करें.
एस कुमार, धनबाद