बिहार में नशाखोरी का विकास अधिक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा अपने बयानों में विकास की राह पर बिहार की चर्चा करते हैं. वे कहते हैं कि अब पहलेवाली बात नहीं रही, लेकिन क्या सही मायने में वाकई ऐसा ही हुआ है? जमीनी हकीकत क्या है? मेरा पिछले दिनों बिहार जाना हुआ. मैंने जो देखा, तो पाया कि इसमें कोई […]
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा अपने बयानों में विकास की राह पर बिहार की चर्चा करते हैं. वे कहते हैं कि अब पहलेवाली बात नहीं रही, लेकिन क्या सही मायने में वाकई ऐसा ही हुआ है?
जमीनी हकीकत क्या है? मेरा पिछले दिनों बिहार जाना हुआ. मैंने जो देखा, तो पाया कि इसमें कोई संदेह नहीं कि वहां समृद्धि बढ़ी है, लेकिन इसके साथ बेईमानी में भी इजाफा हुआ है. लोगों में पैसे की हवस बढ़ी है. हर व्यक्ति रोजाना अधिक से अधिक धन कमाने की लालसा रखता है.
दूर से यह देख अच्छा लगता है कि गरीब सा दिखनेवाला व्यक्ति रोजाना कम से कम हजार रुपये कमाने की धुन में लगा है, लेकिन शाम ढलते उसकी शराब के ठेकों पर उपस्थिति खलती है. नशाखोरी अब तो गांव-गांव, डगर-डगर तक पहुंच चुकी है. बिहार सरकार इस तरफ भी ध्यान दे.
नवीन कुमार सिन्हा, जमशेदपुर