आत्माभिव्यक्ति से ही मिलती है शांति

सांसारिक वस्तुओं में अपना सुख तलाशना ही मनुष्य के दुखों का मूल कारण है. हम अपना सारा जीवन धन, वैभव, पद, प्रतिष्ठा अजिर्त करने में लगा देते हैं, परंतु इनको प्राप्त कर लेने के बाद भी मन अशांत रहता है. मानसिक शांति और आत्म संतोष प्राप्त नहीं होता. मैंने भी सुख प्राप्ति के अनेक भौतिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 23, 2015 5:41 AM
सांसारिक वस्तुओं में अपना सुख तलाशना ही मनुष्य के दुखों का मूल कारण है. हम अपना सारा जीवन धन, वैभव, पद, प्रतिष्ठा अजिर्त करने में लगा देते हैं, परंतु इनको प्राप्त कर लेने के बाद भी मन अशांत रहता है. मानसिक शांति और आत्म संतोष प्राप्त नहीं होता. मैंने भी सुख प्राप्ति के अनेक भौतिक उपाय किये, जो संसार के अनुसार परम सुख देनेवाले हैं.
इनसे सुख प्राप्त भी हुआ, परंतु क्षणिक एवं अस्थायी. इसका सबसे नकारात्मक पहलू यह था कि इससे मेरी लालसा एवं इच्छा शांत होने के बजाय और बढ़ गयीं. भौतिक सुख की प्राप्ति एवं अपने मानसिक व शारीरीक उद्वेगों की खातिर मनुष्य कई अपराध करता है, पर आत्म संतोष यहां भी नहीं मिलता. मन को शांति व आत्म सुख प्रदान करना सबसे महत्वपूर्ण है. ये मुङो केवल एकांत में आत्मा से संपर्क स्थापित करने से ही प्राप्त हुआ.
नवनीत कौर सामरा, बेरमो, बोकारो

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