भविष्य बिगाड़ रही शिक्षण सत्र में देरी

झारखंड के विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षक पदों की रिक्तियां, प्रयोगशालाओं में आधुनिक सामग्रियों का अभाव, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव जैसी समस्याओं के साथ विद्यार्थी एक और समस्या से जूझ रहे हैं, शिक्षण सत्र का विलंब से संचालित होना. शिक्षकों की कमी के बावजूद विद्यार्थी किसी तरह पढ़ कर परीक्षा दे तो देते हैं, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2015 5:05 AM
झारखंड के विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों में शिक्षक पदों की रिक्तियां, प्रयोगशालाओं में आधुनिक सामग्रियों का अभाव, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अभाव जैसी समस्याओं के साथ विद्यार्थी एक और समस्या से जूझ रहे हैं, शिक्षण सत्र का विलंब से संचालित होना.
शिक्षकों की कमी के बावजूद विद्यार्थी किसी तरह पढ़ कर परीक्षा दे तो देते हैं, लेकिन परीक्षा में विलंब के कारण सत्र पूरा होने में दो वर्ष के स्थान पर तीन वर्ष लग जाते हैं.
दुर्भाग्यवश विद्यार्थी किसी पेपर में असफल रहा, तो चार साल लगना तय है. अब सोच कर देखिए कि ऐसी स्थिति में विद्यार्थियों की मानसिक हालत क्या होती होगी, जहां उन्हें इस प्रतियोगी युग में रोजगार पाकर अपनी पहचान तथा आर्थिक स्थिति मजबूत बनानी है. मैं राज्य सरकार से आग्रह करती हूं कि वह इस समस्या का जल्द हल निकाले.
रूपा, रांची

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