मजबूरी की आड़ में यौन उत्पीड़न

मैं प्रभात खबर के माध्यम से झारखंड सरकार और उसके मंत्रियों का ध्यान धनबाद और राज्य के अन्य कोयलांचल इलाकों में काम करनेवाले निजी कोयला मजदूरों, कोयला चुन कर बेचनेवालों, बेसहारा, लाचार और बेरोजगार लोगों की ओर दिलाना चाहता हूं. इनकी मजबूरी मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करना है. यहां पुलिस के नाम पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2015 4:57 AM
मैं प्रभात खबर के माध्यम से झारखंड सरकार और उसके मंत्रियों का ध्यान धनबाद और राज्य के अन्य कोयलांचल इलाकों में काम करनेवाले निजी कोयला मजदूरों, कोयला चुन कर बेचनेवालों, बेसहारा, लाचार और बेरोजगार लोगों की ओर दिलाना चाहता हूं. इनकी मजबूरी मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करना है.
यहां पुलिस के नाम पर पैसा वसूलनेवालों की भी कमी नहीं है. इतना ही नहीं, यदि मजदूरी करनेवाली कोई महिला रही, तो उसका यौन उत्पीड़न करने से भी उत्पीड़क बाज नहीं आते. लोक-लाज और आजीविका चलाने की मजबूरी के चलते वे बेचारी कुछ बोल नहीं पातीं, जिसका फायदा ये लोग हमेशा उठाते रहते हैं. अत: सरकार से अनुरोध है कि इस मामले में कार्रवाई करने और बेरोजगारों को रोजगार दिलाने की कृपा करें.
भरत पासवान, लोदना, धनबाद

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